भारत सरकार ने देश में बेरोजगारी को लेकर आईएलओ के द्वारा जारी की गई एक हालिया रिपोर्ट पर आपत्ति व्यक्त की है. भारत का कहना है कि अंतरराष्ट्रीय श्रम संगठन ने बेरोजगारी पर अपनी रिपोर्ट तैयार करने में डेटा को सही से प्रजेंट नहीं किया है और उसके आंकड़ों में गड़बड़ियां हैं.


आईएलओ के साथ दो बार हुई बैठक


ईटी की एक रिपोर्ट के अनुसार, सरकार ने औपचारिक तरीके से रिपोर्ट पर अपनी आपत्ति जताई है. इसके लिए श्रम एवं रोजगार सचिव सुनीता द्वारा ने आईएलओ के वरिष्ठ अधिकारियों को बुलाकर हालिया रिपोर्ट पर सरकार की नाराजगी से अवगत कराया. पिछले महीने जारी की गई रिपोर्ट के बाद सरकार आईएलओ के अधिकारियों के साथ दो दौर की बैठक कर चुकी है.


रिपोर्ट में किया गया है ये दावा


इंटरनेशनल लेबर ऑर्गेनाइजेशन ने पिछले महीने इंडिया एम्पलॉयमेंट रिपोर्ट 2024 जारी की थी, जिसे इंस्टीट्यूट फोर ह्युमन डेवलपमेंट के साथ मिलकर तैयार किया गया है. उस रिपोर्ट में दावा किया था कि भारत में बेरोजगार कार्यबल में 83 फीसदी हिस्सा युवाओं का है. रिपोर्ट की मानें तो भारत में हर 100 बेरोजगार लोगों में 83 युवा हैं. सरकार इस बात से सहमत नहीं है.


बेरोजगारी पर सरकारी आंकड़ा


सरकार की मानें तो 2019 में युवाओं (15 से 29 साल की उम्र के लोगों) में बेरोजगारी की दर 7 फीसदी पर थी, जो कम होकर 2022 में सिर्फ 5 फीसदी रह गई. वही व्यस्कों (30 साल से 59 साल के लोगों) के मामले में बेरोजगारी की दर 2019 में भी 1 फीसदी थी और 2022 में भी यह दर 1 फीसदी पर स्थिर रही.


सरकार इन्हें नहीं मानती बेरोजगार


श्रम एवं रोजगार मंत्रालय का कहना है कि भारत के युवाओं में 35 हिस्सा विद्यार्थियों का है. वहीं 22 फीसदी भारतीय युवा घरेलू कामों में लगे हुए हैं. सरकार के अनुसार, उन युवाओं को बेरोजगार की श्रेणी में नहीं रखा जा सकता है. युवाओं का एक बड़ा हिस्सा आंशिक रोजगार में जुटा हुआ है. उन्हें भी बेरोजगार नहीं कहा जा सकता है.


आईएलओ के आंकड़ों पर आपत्तियां


सरकार का पक्ष है कि आईएलओ की रिपोर्ट को तैयार करते हुए इस तरह के कई फैक्टर पर गौर नहीं किया गया है. उदाहरण के लिए- रिपोर्ट में इंटरनेशनल मोबिलिटी यानी अन्य देशों में काम करने जा रहे लोगों और गिग एंड प्लेटफॉर्म वर्कर्स यानी साल के कुछ महीने औपचारिक रोजगार करने वाले लोगों के डेटा को भी रिपोर्ट में शामिल नहीं किया गया है. इस तरह आईएलओ के रिपोर्ट में आंकड़ों को लेकर गंभीर गड़बड़ियां की गई हैं और उन्हें गलत तरीके से प्रजेंट किया गया है.


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