Appraisal 2024: नया वित्त वर्ष शुरू होने के साथ ही सैलरी हाइक (Salary Hike) की चर्चाएं हर कंपनी में चलने लगी हैं. कई कंपनियों ने अप्रैजल की प्रक्रिया पूरी कर ली है और कई में यह प्रक्रिया आखिरी स्टेज में पहुंच चुकी है. जल्द ही लगभग हर कंपनी में अप्रैजल का ऐलान होने वाला है. इस साल इंडिया इंक के कर्मचारियों को खुशखबरी मिल सकती है. एक रिपोर्ट में दावा किया गया है कि इस साल प्राइवेट सेक्टर के कर्मचारियों को औसतन 8 से 11 फीसदी तक सैलरी हाइक मिल सकती है. साथ ही इस साल की अप्रैजल प्रक्रिया में सीनियर्स की बजाय जूनियर्स को तवज्जो मिलने वाली है.


सीनियर्स के मुकाबले जूनियर्स की सैलरी ज्यादा बढ़ेगी 


बिजनेस स्टैंडर्ड ने रैंडस्टैड इंडिया (Randstad India) की रिपोर्ट के आधार पर कहा है कि इस साल कॉरपोरेट सेक्टर में अच्छी सैलरी हाइक मिल सकती है. 5 साल तक का अनुभव रखने वाले कर्मचारियों के बीच सैलरी बढ़ोतरी का औसत ज्यादा अनुभव रखने वाले कर्मचारियों से बेहतर रहने वाला है. उनकी सैलरी 10 से 11 फीसदी तक बढ़ सकती है. वहीं, उनके सीनियर्स में सैलरी हाइक का औसत 8 से 11 फीसदी रह सकता है. 


फ्रेशर्स और जूनियर कर्मचारियों को नौकरी के ज्यादा मौके 


रिपोर्ट के मुताबिक, टियर 1 और टियर 2 शहरों में फ्रेशर्स और जूनियर कर्मचारियों को ज्यादा तवज्जो मिल रही है. उनकी डिमांड ज्यादा है. रैंडस्टैंड इंडिया के एमडी और सीईओ विश्वनाथ पीएस ने बताया कि कंपनियां इस समय फ्रेशर्स और जूनियर कर्मचारियों को नौकरियां ज्यादा ऑफर कर रही हैं. इन्हें कंपनी की जरूरतों के हिसाब से ढालना ज्यादा आसान होता है. लगभग सभी सेक्टर में यही ट्रेंड देखने को मिल रहा है. इसके अलावा 15 साल से ज्यादा अनुभवी कर्मचारियों की वेतन भी ज्यादा होती है इसलिए कंपनियां उन्हें 8 से 9 फीसदी सैलरी हाइक ही देना चाहती हैं. मीडियम लेवल पर काम कर रहे कर्मचारियों को 9 से 10 फीसदी सैलरी हाइक मिल सकती है.


टैलेंट को रोके रखने के लिए भारी निवेश कर रहीं कंपनियां 


इस साल सबसे ज्यादा 10 से 12 फीसदी इंक्रीमेंट इंटरनेट, ईकॉमर्स, मैन्युफैक्चरिंग, बैंकिंग, फाइनेंशियल सर्विसेज और इंश्योरेंस सेक्टर में हो सकते हैं. साथ ही कंपनियों की कोशिश टैलेंट को अपने पास रोके रखने की भी होगी. यही वजह है कि इस साल एट्रिशन रेट (Attrition Rate) कोविड 19 से पहले के रेट पर आ सकता है. इसके 13 से 14 फीसदी के आसपास रहने की उम्मीद है. साल 2022 और 2023 में यह 18 से 20 फीसदी पर पहुंच गया था. सभी सेक्टर में कंपनियां टॉप टैलेंट को रोके रखने के लिए भारी निवेश कर रही हैं.


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