भारत की अर्थव्यवस्था लगातार शानदार परफॉर्म कर रही है. दुनिया भर की तमाम एजेंसियों ने समय-समय पर इस बात पर मुहर लगाई है. आंकड़े बताते हैं कि भारत अभी भी दुनिया की सबसे तेज गति से तरक्की करने वाली प्रमुख अर्थव्यवस्था बना हुआ है. आने वाले सालों में भी इस स्थिति में कोई बदलाव नहीं आने वाला है.


इतनी रह सकती है जीडीपी ग्रोथ रेट


एसएंडपी ग्लोबल रेटिंग्स ने आज गुरुवार को कहा कि भारत की आर्थिक वृद्धि की संभावनाएं मजबूत बनी हुई हैं. वैश्विक चुनौतियों के बाद भी भारत की संभावनाएं उज्ज्वल हैं. मध्यम अवधि में ग्रोथ की संभावनाएं मजबूत बनी रहनी चाहिए. रेटिंग एजेंसी का अनुमान है कि वित्त वर्ष 2023-24 से वित्त वर्ष 2025-26 के दौरान भारत की अर्थव्यवस्था हर साल 6 से 7.1 फीसदी की रफ्तार से वृद्धि कर सकती है.


बैंकिंग सेक्टर का आउटलुक बेहतर


एसएंडपी ग्लोबल रेटिंग्स ने 16 नवंबर को ‘Global Banks Country-By-Country Outlook 2024’ नाम से रिपोर्ट जारी की. एजेंसी का कहना है कि बैंकिंग सेक्टर के खराब कर्ज (वीक लोन) 31 मार्च 2025 तक कम होकर ग्रॉस एडवांस यानी कुल वितरित कर्ज के 3 से 3.5 फीसदी तक आ जाएंगे. इस मामले में संरचनात्मक सुधार और जोखिम प्रबंधन के बेहतर तरीकों से मदद मिलने वाली है.


इस कारण नहीं होगा भारत पर असर


भारतीय अर्थव्यवस्था के बारे में एजेंसी ने कहा कि वैश्विक अनिश्चितताओं का मामूली असर होने वाला है. एजेंसी के अनुसार, ग्लोबल ग्रोथ के सुस्त होने और बाहरी मांग से आर्थिक गतिविधियों पर असर होगा. इससे महंगाई बढ़ सकती है. हालांकि भारत की बात करें तो अर्थव्यवस्था घरेलू कारकों पर अधिक निर्भर है. ऐसे में भारत की अर्थव्यवस्था पर वैश्विक परिस्थितियों का असर कम रहने का अनुमान है.


जीडीपी को लेकर अन्य अनुमान


इससे एक दिन पहले मुख्य आर्थिक सलाहकार वी अनंत नागेश्वरन ने कहा कि इस साल भारत की आर्थिक वृद्धि दर 6.5 फीसदी रह सकती है. मॉर्गन स्टेनली ने भी इसी सप्ताह कहा था कि भारत की आर्थिक वृद्धि दर वित्त वर्ष 2023-24 और 2024-25 में 6.5 फीसदी के आस-पास रह सकती है. वहीं एक कार्यक्रम में वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने अर्थव्यवस्था का जिक्र करते हुए भरोसा जाहिर किया कि 2027 तक भारत जीडीपी के मामले में दुनिया के टॉप-3 देशों में से एक बन जाएगा. अभी भारत दुनिया की पांचवीं सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था है.


ये भी पढ़ें: ईशा अंबानी की नियुक्ति पर आरबीआई की मुहर, लेकिन 6 महीने में ही करना होगा ये काम