India GDP Data: इंटरनेशनल रेटिंग एजेंसी फिच रेटिंग्स ने 2023-24 वित्त वर्ष के लिए भारत के विकास दर के अनुमान को बढ़ा दिया है. फिच ने कहा कि मौजूदा वित्त वर्ष में भारतीय अर्थव्यवस्था 6.3 फीसदी के दर से विकास करेगी. इससे पहले फिच ने 6 फीसदी रहने का अनुमान जताया था. भारतीय अर्थव्यवस्था के बेहतर आउटलुक और पहली तिमाही में ग्रोथ रेट के बेहतर रहने के अनुमान के चलते फिच ने अपने रेटिंग्स के अनुमान में सुधार किया है. 


सांख्यिकी मंत्रालय ने 31 मई 2023 को आंकड़े जारी करते हुए बताया था कि वित्त वर्ष 2022-23 में भारत की जीडीपी 7.2 फीसदी रही है जो अनुमान से बेहतर थी. इस आंकड़े के घोषित होने के बाद ही अर्थशास्त्रियों से लेकर एजेंसियां 2023-24 में भारतीय अर्थव्यवस्था के सबसे तेज गति से विकास करने का अनुमान जता रहे हैं. इसस पहले फिच ने मार्च 2023 में मौजूदा वित्त वर्ष के लिए विकास दर के अनुमान को 6.2 फीसदी से घटाकर 6 फीसदी कर दिया था. फिच ने अपने अनुमान में कहा था कि महंगाई दर के ज्यादा होने , ऊंची ब्याज दर और वैश्विक मांग में कमी का खामियाजा भारतीय अर्थव्यवस्था को उठाना होगा. 


लेकिन मार्च के बाद से हालात बदलते दिख रहे हैं. पिछले दो मॉनिटरी पॉलिसी बैठक में भारतीय रिजर्व बैंक ने पॉलिसी रेट्स यानि रेपो रेट में कोई बदलाव नहीं किया है. इस दौरान अप्रैल और मई में खुदरा महंगाई दर में गिरावट देखने को मिली और मई में तो ये घटकर 4.25 फीसदी पर आ चुकी है. ऐसे में कर्ज के सस्ता होने की उम्मीद बढ़ने लगी है जिसका फायदा भारतीय अर्थव्यवस्था को मिल सकता है.


फिच ने कहा कि जनवरी-मार्च तिमाही में जीडीपी ग्रोथ शानदार रहा था. दो तिमाही तक लगातार गिरावट का सामना करने के बाद मैन्युफैक्चरिंग सेक्टर में रिकवरी देखने को मिली है, कंस्ट्रशन सेक्टर में सुधार देखने को मिला है साथ कृषि उत्पादन में भी बढ़ोतरी आई है जिसके चलते घरेलू अर्थव्यवस्था में तेजी देखी जा रही है. इन्हीं बातों को ध्यान में रखते हुए रेटिंग एजेंसी ने विकास दर के अनुमान को बढ़ाया है. फिच ने अपने अनुमान में कहा है कि 2024-25 और 2025-26 में भारत का जीडीपी 6.5 फीसदी रहने का अनुमान है. 


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