India Forex Reserve: भारत के विदेशी मुद्रा भंडार में लगातार गिरावट जारी है और इसमें अधिक कमी आने की संभावना है. इसके तहत फॉरेक्स रिजर्व साल 2022 के आखिर तक यानी पिछले 2 सालों में अपने सबसे निचले स्तर तक गिर सकता है. ऐसा एक रॉयटर्स पोल में बताया गया है और इसके पीछे कारण ये है कि भारतीय रिजर्व बैंक ने डॉलर की मजबूत वृद्धि से रुपये को बचाने के लिए प्रयासों के तहत विदेशी मुद्रा भंडार में कटौती की है. 


विदेशी मुद्रा भंडार में 100 अरब डॉलर की कटौती की गई
भारतीय रिजर्व बैंक ने अपने विदेशी मुद्रा भंडार को लगभग 100 अरब डॉलर घटाकर 545 अरब डॉलर कर दिया है. ये एक साल पहले 642 अरब डॉलर के अपने शिखर पर था. ऐसा रुपये की लगातार कमजोरी को काबू में रखने के लिए किया गया है पर रुपये को आरबीआई रिकॉर्ड निचले स्तर तक जाने से रोक नहीं पाया है. भारतीय करेंसी डॉलर के मुकाबले 82 रुपये प्रति डॉलर के लेवल तक बढ़ रही है.


रॉयटर्स के पोल के मुताबिक सामने आया पूर्वानुमान
रॉयटर्स के एक पोल के मुताबिक अनुमान लगाया गया है कि इस साल के आखिर तक विदेशी मुद्रा भंडा और 23 अरब डॉलर कम हो जाएगा जिसके बाद ये 523 अरब डॉलर पर आ जाएगा. ये 26-27 सितंबर तक के पूर्वानुमान के मुताबिक है. इसमें 16 अर्थशास्त्रियों ने अपनी राय बताई है. अगर विदेशी मुद्रा भंडार 523 अरब डॉलर तक गिरता है तो ये पिछले 2 सालों का सबसे निचला स्तर होगा. इसमें 500-540 अरब डॉलर के बीच में रहने का पूर्वानुमान जताया गया है.


साल 2008 की वैश्विक आर्थिक मंदी के समय जैसा हो सकता है हाल
इन पूर्वानुमान से ये अंदाजा लगाया जा रहा है कि आरबीआई अपने विदेशी मुद्रा भंडार को कम करके साल 2008 के लेवल तक ले आएगा जो वैश्विक आर्थिक संकट के समय के समान होगा. साल 2008 में ग्लोबल आर्थिक मंदी के दौर में विदेशी मुद्रा भंडार में 20 फीसदी तक की गिरावट देखी गई थी. रिपोर्ट्स के मुताबिक बताया जा रहा है कि साल 2013 
में जो स्थिति आई थी वो एक बार फिर देखने को मिल सकती है जब अमेरिकी फेडरल रिजर्व ने सरकारी बॉन्ड की खरीदारी में अचानक कटौती कर दी थी.


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