How India Lends Report: वित्त वर्ष 2021-22 कोरोना के दूसरे लहर से प्रभावित रहा था. बावजूद इसके होम लोन से लेकर कार लोन और दूसरे प्रकार के रिटेल लोन की मांग में बढ़ोतरी के चलते बीते वित्त वर्ष में लोन मार्केट के साइज में जबरदस्त उछाल देखने को मिला है. 2021-22 में भारत के लोन मार्केट का साइज 2020-21 के मुकाबले 11.1 फीसदी बढ़कर 174.3 लाख करोड़ रुपये पर जा पहुंचा है. इस अवधि में कुल लोन पोर्टफोलियो में कर्मशियल लोन में 49.5 फीसदी तो रिटेल लोन में 48.9 फीसदी का उछाल देखने को मिला है. माइक्रो फाइनैंस लेंडिंग में 1.6 फीसदी की बढ़ोतरी आई है.  


सीआरआईएफ हाई मार्क ने आज अपनी हाउ इंडिया लेंड्स रिपोर्ट के मुताबिक 2021-22 में रिटेल लोन के पर्सलन लोन सेगमेंट में वैल्यू के हिसाब से 46 फीसदी तो वॉल्यूम के लिहाज से 122 फीसदी का ग्रोथ रेट देखने को मिला है. सबसे ज्यादा पर्सनल लोन सरकारी बैंक, निजी बैंक औऱ एनबीएफसी दे दिया है. इस अवधि में नए क्रेडिट कार्ड्स जारी करने में 48 फीसदी की बढ़ोतरी देखने को मिली है जिसमें सबसे ज्यादा कार्ड्स निजी बैंकों ने जारी किए हैं. 


रिपोर्ट के मुताबिक इस अवधि के दौरान टूव्हीलर लोन में वैल्यू के हिसाब से 9.2 फीसदी तो वॉल्यूम के हिसाब से 8.5 फीसदी की बढ़त देखने को मिली है. वहीं ञटो लोन में 23 फीसदी का उछाल देखने को मिला है. वैल्यू के हिसाब से होम लोन का ग्रोथ रेट 29 फीसदी बढ़ा है. वहीं वॉल्यूम ग्रोथ 20 फीसदी रहा है. होम लोन देने में सरकारी बैंकों के अलावा हाउसिंग फाइनैंस कंपनी आगे रहे हैं.  


2021-22 वित्त वर्ष में कारोबारी लोन 10 फीसदी बढ़ा है. वहीं सबसे ज्यादा कारोबार करने के लिए कर्ज सरकारी और निजी बैंकों के अलावा एनबीएफसी ने दिए हैं. रिपोर्ट के मुताबिक 2021-22 में कंज्यूमर ड्यूरेबल्स लोन की भारी मांग रही है और में वैल्यू बेसिस पर लोन की मांग में 66 फीसदी का उछाल आया है. 


ये भी पढ़ें 


Vijay Kedia Portfolio: 'इंडिया को शॉर्ट किया तो गॉड भी नहीं बचाएगा!' जानें दिग्गज निवेशक विजय केडिया ने किसे गाने के जरिए दी ये नसीहत?


RBI: 40 महीने में पहली बार बैंकिंग सिस्टम में हुई नगदी की कमी! आरबीआई को उठाना पड़ा ये कदम