India-Oman FTA: भारत और ओमान के बीच बीते गुरुवार को फ्री ट्रेड एग्रीमेंट हुआ. इसके तहत भारत से ओमान भेजे जाने वाले 98 परसेंट सामानों पर कोई टैक्स नहीं लगेगा. दोनों देशों के बीच 10.5 अरब डॉलर का कारोबार होता है.

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भारत और ओमान के बीच 18 दिसंबर को साइन किए गए इस कॉम्प्रिहेंसिव इकोनॉमिक पार्टनरशिप एग्रीमेंट (CEPA) के अगले तीन महीनों के भीतर लागू होने की संभावना है. इससे जाहिर तौर पर टेक्सटाइल से लेकर एग्रीकल्चरल गुड्स और लेदर इंडस्ट्री को बढ़ावा मिलेगर. खासतौर पर, सूरत से ज्वेलरी, पुणे से इंजीनियरिंग सामान, तिरुपुर से कपड़े और विशाखापत्तनम से समुद्री उत्पादों के एक्सपोर्ट को ओमान में बढ़ावा मिलेगा.

ओमान में 'मेड इन इंडिया' का जलवा

इस समझौते के तहत, कर्नाटक से लेकर तमिलनाडु और तेलंगाना जैसे राज्यों के आईटी प्रोफेशनल्स और दूसरे बिजनेस सर्विस प्रोवाइडर्स को भी ओमान में एक्सपोर्ट बढ़ाने के बड़े मौके मिलेंगे. इसके अलावा, मुरादाबाद के पीतल के सामान और मेटल हैंडीक्राफ्ट, कानपुर-आगरा के लेदर फुटवियर और सैडलरी, भदोही-मिर्जापुर के कालीन और होम टेक्सटाइल, इडुक्की/वायनाड के वैल्यू-एडेड मसाले, तिरुपति के कुछ खास इंजीनियरिंग और इलेक्ट्रॉनिक्स प्रोडक्ट्स और वेल्लोर-अंबूर के लेदर फुटवियर को ड्यूटी-फ्री एक्सेस मिलेगा.

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अरबों डॉलर का कारोबार होगा बूस्ट 

बीते कुछ सालों में भारत और ओमान के बीच कारोबार बढ़ा है. CEPA के तहत, ओमान ने अपनी 98.08 परसेंट प्रोडक्ट्स पर जीरो-ड्यूटी एक्सेस दिया है, जिसमें ओमान के लिए भारत के एक्सपोर्ट का 99.38 परसेंट प्रोडक्ट्स शामिल हैं.

कारोबारी साल 2025 में दोनों देश के बीच करीब 10.5 बिलियन डॉलर का कारोबार हुआ, जिसमें ओमान के लिए भारत का निर्यात करीब 4 अरब डॉलर का रहा, जबकि आयात 6.5 अरब डॉलर का था. टैरिफ खत्म होने से जेम्स और जूलरी, टेक्सटाइल, लेदर, फुटवियर, खेल का सामान, प्लास्टिक, फर्नीचर, कृषि प्रोडक्ट, इंजीनियरिंग गुड्स, फार्मास्यूटिकल्स, मेडिकल डिवाइस और ऑटोमोबाइल सहित सभी प्रमुख लेबर-इंटेंसिव सेक्टर को पूरी तरह से टैरिफ खत्म होने से फायदा होगा.

इन राज्यों से भी भेजे जाएंगे सामान

इस समझौते के तहत जिन उत्पादों को फायदा होगा उनमें मांस (यूपी, पंजाब, हरियाणा, आंध्र प्रदेश, महाराष्ट्र, बिहार), अंडे (तमिलनाडु, आंध्र प्रदेश, तेलंगाना, महाराष्ट्र), मीठे बिस्कुट (आंध्र प्रदेश, तेलंगाना, पंजाब, उत्तर प्रदेश), चीनी से बनी मिठाइयां (कर्नाटक, यूपी, महाराष्ट्र), पंजाब, हरियाणा, यूपी, पश्चिम बंगाल, राजस्थान और उत्तर-पूर्वी राज्यों से शहद के निर्यात को भी इस समझौते से बड़ा बढ़ावा मिलेगा.

 

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