नई दिल्ली: काले धन मालिकों को सरकार बच निकलने का कोई रास्ता नहीं दे रही है. अब आयकर विभाग उन सभी को नोटिस जारी करेगा जिन्होंने उसके एसएमएस या ई-मेल का जवाब नहीं दिया. इन नोटिसों में नोटबंदी के बाद बैंकों में जमा की गयी राशि के बारे में स्पष्टीकरण मांगा जाएगा. ‘आपरेशन ऑफ क्लीन मनी’ के तहत आयकर विभाग ने 18 लाख एसएमएस और ई-मेल उन लोगों को जारी किये हैं जिन्होंने 30 दिसंबर को समाप्त नोटबंदी की अवधि के दौरान खातों में संदिग्ध रूप से 5 लाख रुपये से अधिक राशि जमा की है.


केंद्रीय प्रत्यक्ष कर बोर्ड-सेंट्रल बोर्ड ऑफ डायरेक्ट टैक्सेज (सीबीडीटी) ने आज एक निर्देश में कहा कि आयकर कानून की धारा 133 (6) के तहत उस व्यक्ति को नोटिस दिया जाएगा जिन्होंने रिमाइंडर भेजे जाने के बावजूद समय पर ऑनलाइन जवाब नहीं दिया. हालांकि, सीबीडीटी ने कहा कि आयुक्त या आयकर निदेशालय से मंजूरी के बाद ही नोटिस जारी किया जा सकता है. 8 नवंबर को पुराने 500 और 1,000 रुपये के नोट बंद होने के बाद कर विभाग ने संदिग्ध जमाओं पर कई सवाल पूछें हैं.


आयकर विभाग के ई-फाइलिंग पोर्टल पर इनमें से 9 लाख जवाब मिले और बाकी बचे लोगों को आईटी विभाग नोटिस जारी करेगा. इस तरह की संदिग्ध जमाओं को ‘सत्यापन के तहत’ रखा गया है. उनसे नकदी के स्रोत के बारे में पूछा गया है. वैध जवाब को ‘स्वीकृत’ माना जायेगा और आगे सत्यापन नहीं होगा.


जिन मामलों में तय अवधि में जवाब नहीं मिला है, आकलन अधिकारी अपनी राय बना सकता है कि सत्यापन के दायरे में आये व्यक्ति के पास जमा की गई नकदी के बारे में कोई स्वीकार्य जवाब नहीं है. ऐसे मामलों को स्वीकार्य नहीं मानकर आगे कारवाई के लिये प्रक्रिया के तहत लाया जायेगा.