सरकारी कंपनी भारतीय जीवन ​बीमा निगम (LIC) पर आयकर विभाग की ओर से 84 करोड़ का जुर्माना लगाया है. एलआईसी ने अपने एक्सचेंज फाइलिंग में बताया कि यह जुर्माना असेसमेंट ईयर 2012-13, 2018-19 और 2019-20 के लिए लगाया गया है. बीमाकर्ता ने कहा कि वह अपीलीय प्राधिकारी के समक्ष अपील दायर करेगा. 


भारतीय जीवन बीमा निगम पर असेसमेंट ईयर 2012-13 के लिए 12.61 करोड़ रुपये, 2018-19 के लिए 33.82 करोड़ रुपये, जबकि 2019-20 के लिए 37.58 करोड़ रुपये का जुर्माना लगाया गया है. एलआईसी ने बताया की उसपर धाराओं के उल्लंघन करने के लिए जुर्माना लगाया गया है. आयकर अधिनियम, 1961 की धारा 271(1)(सी) और 270ए के तहत जुर्माना लगा है. 


भारतीय जीवन बीमा निगम पर ये जुर्माना कई कारणों से लगाया गया है. आयकर विभाग ने एलआईसी को इसे चुकाने के लिए नोटिस भी भेजा है. हालांकि अभी एलआईसी इस जुर्माने के खिलाफ अपील दायर करेगी. वहीं दूसरी ओर सामान्य बीमा कंपनी बजाज आलियांज जनरल इंश्योरेंस (BAGIC) को जीएसटी इंटेलिजेंस महानिदेशालय पुणे से 1,010 करोड़ रुपये का कारण बताओ नोटिस मिला है. 


क्यों लगाया गया जुर्माना 


फा​इलिंग में बजाज फिनसर्व ने कहा कि आयकर विभाग की ओर से कथित मांग और आक्षेपित कारण बताओ सह मांग नोटिस जुलाई 2017 और मार्च 2022 के दौरान स्वीकार किए गए को-इंश्योरेंस प्रीमियम और दोबारा बीमा कमीशन पर जीएसटी का भुगतान न करने से संबंधित है. 


हर वर्ग के लिए बीमा प्रोवाइड कराती है कंपनी  


गौरतलब है कि भारतीय जीवन बीमा निगम हर वर्ग के लिए बीमा प्रोवाइड कराता है. यह भारत के नागरिकों को पेंशन लाभ से लेकर एकमुश्त राशि देने तक की पॉलिसी पेश कर चुका है. इसके साथ ही यह बीमा भी प्रोवाइड कराता है. इसका प्रीमियम आप तिमाही से लेकर सालाना तक भर सकते हैं. इसके कुछ पॉलिसी के तहत टैक्स छूट भी मिलता है. इसकी कुछ पॉलिसी मार्केट लिंक भी हैं, जिससे ज्यादा रिटर्न मिलता है. बीमा कंपनी सरकार के अंतर्गत चलाई जाती है. 


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