लगभग सभी वर्गों के लिए बहुप्रतीक्षित आम बजट (Union Budget 2023) कल बुधवार को पेश हो गया. इस बार के बजट से लोगों को खासकर वेतनभोगी मध्यम वर्ग (Middle Class) को काफी उम्मीदें थीं. लोग छूट व कटौतियों के मोर्चे पर राहत की उम्मीद कर रहे थे. हालांकि इस मामले में बजट से निराशा ही हाथ लगी. सरकार ने इनकम टैक्स को लेकर जो भी बदलाव किए, वे नई कर व्यवस्था में किए गए. हालांकि इसके बाद भी सरकार को 2023-24 में टैक्स कलेक्शन में अच्छी बढ़ोतरी की उम्मीद है.


सबसे पहले यह जान लेते हैं कि बजट में इनकम टैक्स को लेकर क्या बदलाव हुए हैं? इस बजट में पुरानी कर व्यवस्था (Old Tax Regime) में कोई बदलाव नहीं हुआ है. इसका मतलब हुआ कि नई (New Tax Regime) और पुरानी दोनों तरह की कर व्यवस्था में 5 लाख रुपये तक की आय पर कोई टैक्स नहीं है. बजट में नई कर व्यवस्था के लिए इस रिबेट को 5 लाख से बढ़ाकर 7 लाख रुपये करने का प्रस्ताव किया गया है. यानी नई टैक्स व्यवस्था में 7 लाख रुपये तक कमाने वाले को कोई टैक्स नहीं देना होगा.


दूसरा बदलाव यह है कि नई कर व्यवस्था में आयकर छूट की सीमा को बढ़ाकर 3 लाख रुपये कर दिया गया है. साथ ही टैक्स स्लैब में भी बदलाव किया गया है. रिवाइज्ड स्लैब के तहत, 0 से 3 लाख की आय पर कोई टैक्स नहीं है. 3 से 6 लाख की आय पर 5 फीसदी, 6 से 9 लाख की आय पर 10 फीसदी, 9 से 12 लाख की आय पर 15 फीसदी, 12 से 15 लाख पर 20 फीसदी और 15 लाख से ऊपर की सालाना कमाई पर 30 फीसदी टैक्स लगेगा. इसे नीचे दिए गए ग्राफिक्स से समझें...




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पुरानी टैक्स व्यवस्था को देखें तो इसमें 2.5 लाख रुपये तक की आय पर कोई टैक्स नहीं है. 2.5 लाख से 5 लाख तक पर 5 फीसदी, 5 लाख रुपये से लेकर 10 लाख पर 20 फीसदी और 10 लाख रुपये से ऊपर की आय पर 30 फीसदी टैक्स लगता है. पुरानी व्यवस्था में HRA, 80C जैसी करीब 70 कटौती और छूट मिलती हैं.


कर व्यवस्था में किए गए इस बदलाव के बाद भी सरकार को टैक्स कलेक्शन में अच्छी बढ़ोतरी की उम्मीद है. हालांकि लोग पुरानी कर व्यवस्था में बदलाव की उम्मीद पाले बैठे थे. टैक्स कलेक्शन में घट-बढ़ के अब तक के ट्रेंड को इस ग्राफिक्स से समझ सकते हैं...




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वित्त मंत्री निर्मला सीतारामन (FM Nirmala Sitharaman) ने बजट पेश करते हुए बताया कि सरकार को 2023-24 में टैक्स कलेक्शन में 10 फीसदी से ज्यादा की बढ़ोतरी का अनुमान है. बजट अनुमान के हिसाब से 2023-24 में इनकम टैक्स कलेक्शन 10.5 फीसदी बढ़कर 9 लाख करोड़ रुपये के पार निकल सकता है.




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इसमें पर्सनल इनकम टैक्स और कॉरपोरेट इनकम टैक्स दोनों शामिल है. यह बढ़ोतरी जीडीपी ग्रोथ के अनुमान के समतुल्य है.