India GDP: देश की जीडीपी उत्पादन में चीन की हिस्सेदारी कम हो जाती है तो भारत की जीडीपी में काफी अच्छा असर देखा जा सकता है. भारत उत्पादन से जुड़ी प्रोत्साहन (पीएलआई) योजना का फायदा उठाकर अगर चीन से होने वाले आयात पर अपनी निर्भरता को 50 फीसदी तक कम करने में सफल रहता है, तो उसके सकल घरेलू उत्पाद (जीडीपी) में 20 अरब डॉलर की बढ़ोतरी हो सकती है.


SBI की इकोरैप रिपोर्ट में दिया गया अनुमान
एसबीआई रिसर्च की मंगलवार को जारी रिपोर्ट ‘इकोरैप’ में यह अनुमान जताया गया. इसके मुताबिक, चीन के साथ अपने व्यापार घाटे को भारत वर्ष 2020-21 में कम करने में सफल रहा लेकिन भारत के कुल वस्तुओं के आयात में चीन की हिस्सेदारी 16.5 फीसदी की दर से बढ़ रही है.


चीन से आयात किए गए कमोडिटी और प्रोडक्ट्स
रिपोर्ट कहती है कि वर्ष 2020-21 में चीन से किए गए 65 अरब डॉलर के आयात में करीब 39.5 अरब डॉलर मूल्य कमोडिटी और प्रोडक्ट्स का रहा था. भारत ने कपड़ा, कृषि उत्पाद, इलेक्ट्रॉनिक्स उत्पाद, फार्मा और केमिकल सेक्टर में उत्पादन बढ़ाने के लिए पीएलआई योजनाओं की घोषणा की है.


PLI स्कीम्स के जरिए कम हो सकता है आयात
रिपोर्ट में कहा गया है कि ‘‘अगर पीएलआई योजनाओं की वजह से हम चीन से होने वाले आयात को 20 फीसदी तक भी कम कर पाने में सफल रहते हैं, तो हम अपनी जीडीपी में आठ अरब डॉलर की वृद्धि कर लेंगे. वहीं चीन पर आयात निर्भरता में 50 फीसदी कमी होने पर हमारी जीडीपी में 20 अरब डॉलर की वृद्धि हो जाएगी.’’ चालू वित्त वर्ष की पहली तीन तिमाहियों में भारत ने चीन से 68 अरब डॉलर मूल्य के उत्पादों का आयात किया है.


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