अडानी समूह (Adani Group) के लिए यह साल अब तक विवादों से भरा रहा है. एक विवाद शांत होता नहीं है, उससे पहले ही दूसरा शुरू हो जाता है. खास बात यह है कि अडानी समूह से जुड़ा कोई विवाद हो, तुरंत राजनीतिक रंग ले लेता है. ताजा मामला है अडानी समूह की नई प्रस्तावित डील का. अडानी समूह महीनों के अंतराल के बाद पहली डील करने जा रहा है, लेकिन यह पहले ही राजनीतिक आरोपों-प्रत्यारोपों का शिकार होने लग गया है.


अडानी एंटरप्राइजेज ने दी थी जानकारी


अडानी समूह की यह डील है ऑनलाइन ट्रेन टिकट बुकिंग प्लेटफॉर्म ट्रेनमैन के अधिग्रहण की. गौतम अडानी की फ्लैगशिप कंपनी अडानी एंटरप्राइजेज ने इस डील के बारे में पिछले सप्ताह शुक्रवार को जानकारी दी थी. कंपनी ने बताया है कि वह स्टार्क एंटरप्राइजेज प्राइवेट लिमिटेड (Stark Enterprises Pvt Ltd) की 100 फीसदी इक्विटी का अधिग्रहण करेगी. स्टार्क एंटरप्राइजेज ऑनलाइन ट्रेन टिकट बुकिंग प्लेटफॉर्म ट्रेनमैन का संचालन करती है. हालांकि अभी इस डील की वैल्यू का खुलासा नहीं हुआ है.


शुरू हुआ यह राजनीतिक विवाद


इस डील के बाद विवाद शुरू हो गया है कि इससे अडानी को फायदा होगा, जबकि सरकारी हिस्सेदारी वाली कंपनी आईआरसीटीसी को घाटा होगा. मीडिया के एक धड़े में इस तरह से खबरें चला दी गईं कि अडानी की इस डील से आईआरसीटीसी को नुकसान होने वाला है. इसके बाद मामले ने राजनीतिक रंग पकड़ लिया और मुख्य विपक्षी दल कांग्रेस भी यह आरोप लगाने लग गई कि आईआरसीटीसी को नुकसान पहुंचाकर अडानी को फायदा दिया जा रहा है.


दो आईआईटियन ने बनाई कंपनी


आइए जानते हैं कि इस पूरे मामले की हकीकत क्या है... सबसे पहले आपको बता दें कि स्टार्क एंटरप्राइजेज गुरुग्राम बेस्ड एक स्टार्टअप है, जिसकी स्थापना आईआईटी रुड़की के विनीत चिरानिया और करण कुमार ने मिलकर की थी. यह कंपनी ट्रेनमैन नामक प्लेटफॉर्म का संचालन करती है, जो ट्रेन टिकट बुक करने की ऑनलाइन सेवाएं देता है. इसी सर्विस के चलते आईआरसीटीसी को टक्कर मिलने की बात की जा रही है.


इस तरह से मिलती है बुकिंग सर्विस


यहां इस तरह की सर्विस की एक बुनियादी बात को समझ लेना जरूरी है. दरअसल भारत में जितनी भी कंपनियां या प्लेटफॉर्म ट्रेन टिकट बुकिंग सर्विस में एक्टिव हैं, वे सभी एक तरह से आईआरसीटीसी के कस्टमर हैं. ऑनलाइन ट्रेन टिकट बुकिंग के मामले में आईआरसीटीसी का दबदबा है. ट्रेनमैन हो या पेटीएम या तमाम अन्य प्राइवेट प्लेयर्स, सभी आईआरसीटीसी से ऑथेराइजेशन लेकर ऑनलाइन ट्रेन टिकट बुक करने की सुविधा देते हैं.


आईआरसीटीसी पर नहीं होगा असर


इसका मतलब हुआ कि आप टिकट सीधे आईआरसीटीसी की साइट से बुक करें या किसी अन्य प्लेटफॉर्म से, आईआरसीटीसी को उसका तय चार्ज मिलता ही है. इससे साफ हो जाता है कि अडानी की इस डील से आईआरसीटीसी को कोई फर्क नहीं पड़ने वाला है. हां यह जरूर होगा कि इस डील से ऑनलाइन ट्रेन टिकट बुकिंग कंपनियों को कड़ी प्रतिस्पर्धा मिलने वाली है. विवादों के बाद आईआरसीटीसी के प्रवक्ता ने भी सफाई जारी की है और यही तर्क दिया है.


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