नई दिल्लीः विनिर्माण क्षेत्र के कमजोर प्रदर्शन से जुलाई महीने में देश की औद्योगिक उत्पादन की वृद्धि दर सुस्त पड़कर 4.3 फीसदी रह गई. आधिकारिक आंकड़ों में यह जानकारी दी गई है.


औद्योगिक उत्पादन सूचकांक (आईआईपी) के आधार पर मापी जाने वाली औद्योगिक उत्पादन की वृद्धि दर एक साल पहले जुलाई- 2018 में 6.5 फीसदी रही थी. हालांकि, इस साल जून की यदि बात की जाये तो औद्योगिक उत्पादन वृद्धि दर 1.2 फीसदी रही इस लिहाज से जुलाई में यह बढ़कर 4.3 फीसदी पर पहुंच गई. इससे पहले मई में यह 4.6 फीसदी दर्ज की गई.


सांख्यिकी एवं कार्यक्रम कार्यान्वयन मंत्रालय द्वारा जारी आंकड़ों के मुताबिक चालू वित्त वर्ष की अप्रैल- जुलाई अवधि में औद्योगिक उत्पादन वृद्धि 3.3 फीसदी रही जो कि 2018- 19 की इसी इसी अवधि में 5.4 फीसदी रही थी.


आईआईपी में सुस्ती की वजह इसमें शामिल विनिर्माण क्षेत्र की नरमी रही. जुलाई में विनिर्माण क्षेत्र की वृद्धि 4.2 फीसदी रही जबकि एक साल पहले यह 7 फीसदी रही थी. पूंजीगत वस्तुओं के उत्पादन में जुलाई महीने में 7.1 फीसदी की कमी देखी गई जबकि पिछले साल जुलाई में इसमें 2.3 फीसदी वृद्धि दर्ज की गई थी.


बिजली उत्पादन में जुलाई में 4.8 फीसदी की वृद्धि वहीं पिछले साल जुलाई में इस क्षेत्र में 6.6 फीसदी वृद्धि दर्ज की गई थी. खनन क्षेत्र की वृद्धि दर जुलाई में पिछले साल के 3.4 फीसदी से बढ़कर 4.9 फीसदी रही. टिकाऊ उपभोक्ता सामान और गैर- टिकाऊ उपभोक्ता सामानों के वर्ग में क्रमश: 2.7 फीसदी की गिरावट और 8.3 फीसदी की वृद्धि रही.


उपभोग आधारित वर्गीकरण के मुताबिक, जुलाई 2018 के मुकाबले जुलाई 2019 में प्राथमिक वस्तुओं में 3.5 फीसदी, माध्यमिक वस्तुओं में 13.9 फीसदी और अवसंरचना, निर्माण संबंधित वर्ग में 2.1 फीसदी की वृद्धि दर्ज की गई. विनिर्माण क्षेत्र के 23 में से 13 औद्योगिक समूहों में जुलाई महीने में वृद्धि दर्ज की गई.