GST 2.0: लोगों पर टैक्स का बोझ कम करने के लिए सरकार ने जीएसटी दरों में कटौती कर दी है. इससे ज़्यादातर ज़रूरी और दैनिक इस्तेमाल की चीज़ों व सेवाओं के दाम घटाए गए हैं. लेकिन कई रिपोर्ट्स में सामने आया है कि दुकानदार और ई-कॉमर्स स्टोर ने अभी तक इन वस्तुओं के दाम नहीं घटाए हैं. टैक्स कटौती और दुकानदारों द्वारा वसूले जा रहे दामों के बीच यह अंतर चिंता बढ़ा रहा है कि क्या सचमुच उपभोक्ताओं तक जीएसटी में कटौती का फायदा पहुंच रहा है.

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सरकार ने जारी किए हेल्पलाइन नंबर

लोगों की ओर से दुकानों और ऑनलाइन स्टोर्स के खिलाफ शिकायतों की बाढ़ आ गई है. उपभोक्ताओं का कहना है कि जीएसटी दरों में कटौती का असर उनकी जेब पर नहीं दिख रहा है. इस पर सरकार को तुरंत कदम उठाने पड़े ताकि खरीदारों तक सही मायने में राहत पहुंच सके.

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सरकार ने उपभोक्ताओं को जागरूक करते हुए कहा है कि अगर उन्हें लगता है कि उनसे ओवरचार्ज लिया जा रहा है, तो वे आसानी से शिकायत दर्ज करा सकते हैं.

कैसे करें शिकायत?

टोल-फ्री नंबर: 1915

व्हाट्सएप नंबर: 8800001915

ऑनलाइन पोर्टल: INGRAM (एकीकृत शिकायत निपटान प्रणाली)

केंद्रीय अप्रत्यक्ष कर एवं सीमा शुल्क बोर्ड (CBIC) ने साफ किया है कि उपभोक्ता राष्ट्रीय उपभोक्ता हेल्पलाइन (NCH) पर कॉल या व्हाट्सएप मैसेज करके शिकायत दर्ज करा सकते हैं.

जीएसटी में बड़ा सुधार

सरकार ने जीएसटी दरों को सरल बनाने के लिए 4 स्लैब की जगह अब सिर्फ 2 स्लैब (5% और 18%) रखने का फैसला किया है. इन सुधारों से दैनिक उपयोग की 99% वस्तुओं के दाम कम हो गए हैं. सरकार ने कहा कि वह मूल्य निर्धारण पर लगातार नज़र रख रही है और कई कंपनियों ने खुद आगे आकर दाम घटाने की घोषणा भी की है ताकि उपभोक्ताओं तक इसका लाभ पहुंच सके.

अगर जीएसटी कटौती का फायदा नहीं मिलता है तो फिर उसके खिलाफ शिकायत करना यह आपका अधिकार भी है और एक उपभोक्ता के नाते आपका दायित्व भी है.

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