Home Loan EMI Reduce : अगर आप भी अपनी बढ़ी हुई होम लोन की किस्त (Home Loan EMI) से काफी परेशान चल रहे हैं, तो आज हम आपको कुछ ऐसे उपाय बताएंगे जिससे आपकी ईएमआई का बोझा कम हो सकता है. भारतीय रिजर्व बैंक (Reserve Banks of India) के ब्याज दर (Interest Rates) बढ़ाने का सबसे ज्यादा असर होम लोन (Home Loan) पर पड़ता है. रेपो रेट (Repo Rate) बढ़ने के बाद ज्‍यादातर बैंकों ने होम लोन की ब्याज दरों में 2 प्रतिशत तक का इजाफा कर दिया है. इसके बाद घर खरीदारों पर ईएमआई का बोझ बढ़ गया है. 


ऐसे समझें नुकसान 


RBI की रेपो रेट बढ़ने का नुकसान बड़े अमाउंट और लंबी अवधि का लोन लेने वालों पर ज्यादा होता है. माना अगर अपने 50 लाख रुपये का होम लोन लिया है. उसकी 20 साल की किस्त बाकी है, साथ ही इस पर ब्याज दर 7 से बढ़कर 9.25 प्रतिशत हो गया है, तो आपकी ईएमआई 38,765 रुपये से बढ़कर 45,793 रुपये हो जाएगी.


इतना बढ़ेगा लोन अमाउंट


आपके लोन के कुल अमाउंट में करीब 16.86 लाख रुपये की बढ़ोतरी हो रही है. ये 43.03 लाख रुपये से बढ़कर 59.90 लाख रुपये हो जाएंगे. 






ये तरीके कम करेंगे EMI का बोझ


अगर आप अपने होम लोन की EMI का बोझ कम करना चाहते हैं, तो आपको कुछ उपाय करने होंगे. इन्हें आप एक नजर में समझ सकते हैं. 



  • होम लोन लेने वालों का अपने मासिक खर्च का एक बड़ा हिस्सा ईएमआई पर खर्च पड़ता है. इसलिए किस्त को जितना कम रखा जाए, उतना ही बेहतर होगा. 

  • RBI से या बैंक की तरफ से जब भी ब्याज दरें बढ़ रही हो, तब होम लोन ईएमआई को नियंत्रण में रखने के लिए आंशिक प्रीपेमेंट या लोन का प्रीपेमेंट एक बढ़िया ऑप्शन हो सकता है. ये ब्याज के बढ़ते बोझ को कम करेगा. 

  • होम लोन में आंशिक प्रीपेमेंट से काफी फायदा मिलता है. अगर लोन अमाउंट 50 लाख रुपये है. इसकी ब्याज दर 9.40 प्रतिशत, आपकी 15 साल की किस्त बाकी हैं, तो ऐसे में आप 7.5 लाख रुपये का आंशिक प्रीपेमेंट करते हैं, तो ब्याज के रूप में आपके 17.73 लाख रुपये बच सकते है. साथ ही लोन करीब 48 महीने पहले पूरा चुक जाएगा.


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