Adani Ports & SEZ: कुछ साल पहले तक आंध्र प्रदेश के नेल्लोर जिले के मुथूकुर मधुरा नगर निवासी उदय कुमार का भविष्य अनिश्चितताओं से भरा था. वे दिशाहीन हो चुके थे. उनके ऊपर अपने परिवार के पालन पोषण की बड़ी जिम्मेदारी भी थी. लेकिन अब मैरिटाइम ऑपरेशन में सफलतापूर्वक कोर्स पूरा करने के बाद वे कृष्णापटनम पोर्ट पर बतौर एग्जीक्यूटिव नौकरी कर रहे हैं. 


उदय कहते हैं कि कृष्णापटनम में अडानी स्किल डेवलपमेंट सेंटर (ASDC) में ट्रेनिंग पूरा करने के बाद मुझे अपने स्किल पर पूरा विश्वास था तो मैं अलग-अलग पोर्ट्स के बारे में जानकारियां जुटाने लगा और नौकरी के लिए आवेदन करने लगा. मेरे पास आंध्र प्रदेश में अडानी कृष्णापटनम पोर्ट से कॉल आया. इंटरव्यू देने के बाद 14,000 रुपये के वेतन पर मेरा सेलेक्शन हो गया. उदय जैसे कई लोग हैं जो अडानी पोर्ट्स एंड एसईजेड द्वारा ऑपरेट किए जाने वाले पोर्ट्स से लाभान्वित हुए हैं. अडानी पोर्ट्स युवाओं के बीच रोजगार सृजन का बड़ा केंद्र बनकर उभरा है. जिस प्रकार बड़ी संख्या में यहां नौकरियों का सृजन हुआ है वो प्रेरणादायक रहा है. 


उदय जहां से आते हैं वहीं से दूसरे लाभार्थी वेंकटरमणय्या भी हैं. कंटेनर ऑपरेशन में ट्रेनिंग कोर्स पूरा करने के बाद ने फ्यूचर जेड कंपनी में कंटेनर ऑपरेशन एग्जीक्यूटिव के तौर पर काम कर रहे हैं. वे कंटेनर टर्मिनल ऑपरेशन में निपुण है, और कंटेनर हैंडलिंग उपकरण को बेहतर तरीके से समझते हैं. ओडिशा के धामरा के रहने वाले 20 वर्षीय लितुन बारिक पहले किसान थे लेकिन अब धामरा पोर्ट पर पेट्रोल पंप ऑपरेटर के तौर पर नौकरी कर रहे हैं और 8000 रुपये हर महीने कमाते हैं जो किसानी के तौर पर उनकी कमाई से कहीं ज्यादा है. 


ये बताता है कि किस प्रकार पोर्ट्स नौकरी के अवसर पैदा करने की क्षमता रखता है. पोर्ट इंफ्रास्ट्रक्चर में निवेश से पोर्ट के क्षेत्रों के आसपास के इलाकों में आर्थिक और सामाजिक विकास को सकारात्मक रूप से प्रभावित करता है.  पोर्ट एरिया में शिपिंग, कार्गो और औद्योगिक गतिविधियां और सर्विसेज प्रत्यक्ष रोजगार उत्पन्न करता है जो आसपास के क्षेत्रों की परिस्थियों को बदलने में सहायक साबित होता है और इससे स्थानीय लोगों के रहन-सहन में भी सुधार करता है. 


गुजरात के गांधीधाम के नागदा सचिन की मुंद्रा इंटरनेशनल कंटेनर टर्मिनल (MICT) में जूनियर क्रेन ऑपरेटर की नौकरी मिलने की बाद जीवन ही बदल गई. सचिन के मुताबिक, कोर्स पूरा करने के दौरान मैंने आरटीजीएस सिमुलेटेड मशीन पर सीखा और ये मजेदार अनुभव था. ये बेहद ही शानदार ट्रेनिंग का अनुभव था जिसमें मुझे मेरे काम को समझने में मदद की. रमेश वालजी चांदे जो मुंद्रा पोर्ट पर चेकर के तौर पर काम करते थे.  छोटी अवधि की ट्रेनिंग कोर्स करने के बाद  मुंद्रा इंटरनेशनल कंटेनर टर्मिनल पर जूनियर क्रेन ऑपरेटर बन गए. 


नेल्लोर जिले के 30 वर्षीय मोदीबोना किरण कुमार जो 10वीं  पास भी नहीं है एक अच्छी जीवन व्यतीत कर रहे हैं. वे कृष्णापटनम पोर्ट पर श्री मारुथि नंदन कंपनी में एचएमवी ड्राइवर के तौर पर काम कर रहे हैं. नेल्लोर के मार्रीपाडु के अकिल ने कृष्णापटनम में अनआर्म्ड सिक्योरिटी गार्ड कोर्स (ASDC) में एनरोल कराया और चार हफ्ते की ट्रेनिंग के बाद अडानी कृष्णापटनम पोर्ट लिमिटेड पर एमएसएफ सिक्योरिटी में नौकरी कर हैं और उनकी मासिक वेतन 18,976 रुपये है. केवल स्थानीय ही नहीं पश्चिम बंगाल के बांकुरा में इकाडाला के रहने वाले चिरणजीत बाउरी कृष्णापटनम पोर्ट पर जियो स्ट्रक्चर में नौकरी करते हैं.   


अडानी पोर्ट्स एंड स्पेशल इकोनॉमिक जोन लिमिटेड (APSEZ) देश के बड़े कमर्शियल पोर्ट ऑपरेटर में से एक है जिसके कुल कार्गो मूवमेंट में एक चौथाई हिस्सदारी है. देश के सात तटीय राज्यों में 13 पोर्ट्स मौजूद हैं.


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