मजबूत मांग के दम पर देश में मकान की कीमतें बेहिसाब तेजी से बढ़ रही हैं. बीते 2 साल के दौरान देश में मकान 20 फीसदी महंगे हो गए हैं. ऐसे में आम लोगों के लिए अपने घर के सपने को पूरा करना मुश्किल होता जा रहा है. हालांकि आंकड़े बताते हैं कि दाम बेतहाशा बढ़ने के बाद भी मकानों की डिमांड मजबूत बनी हुई है.


क्रेडाई और कोलियर्स लियासेज फोराज (Colliers - Liases Foras) की हाउसिंग प्राइस ट्रैकर रिपोर्ट के अनुसार, 2021 से 2023 के दौरान मकानों की कीमतों में 20 फीसदी की तेजी दर्ज की गई. रिपोर्ट बताती है कि मकानों की कीमतों में 2 साल के दौरान आई 20 फीसदी की इस तेजी का कारण डिमांड में उल्लेखनीय बढ़ोतरी है.


बेंगलुरू में सबसे ज्यादा बढ़े घरों के दाम


रिपोर्ट के अनुसार, देश के टॉप-8 शहरों में मकानों की कीमतों में 2021 से 2023 के दौरान करीब 20 फीसदी की तेजी आई है. मकानों के दाम इस दौरान सबसे ज्यादा बेंगलुरू, दिल्ली एनसीआर और कोलकाता में बढ़े हैं. इन तीन शहरों में बीते 2 साल के दौरान मकान करीब 30 फीसदी महंगे हो गए हैं. सबसे ज्यादा 31 फीसदी की तेजी बेंगलुरू में आई है. सिर्फ 2023 की बात करें तो टॉप-8 शहरों में सालाना आधार पर मकानों के दाम 9 फीसदी बढ़े हैं.


अनसोल्ड इन्वेंट्री में आई तेज गिरावट


मकानों के दाम में बीते सालों के दौरान आई इस तेजी के लिए कई कारण जिम्मेदार हैं. रिपोर्ट का कहना है कि घर खरीदारों का भरोसा मजबूत बना हुआ है. वहीं ब्याज दरें अनुकूल हैं और इकोनॉमिक आउटलुक सकारात्मक है. इन कारणों से हाउसिंग डिमांड मजबूत बनी हुई है और अंतत: सभी प्रमुख शहरों में मकानों के दाम बढ़ रहे हैं. इस डिमांड के चलते अनसोल्ड इन्वेंट्री तेजी से कम हो रहा है. रिपोर्ट के अनुसार, 2021 से 2023 के दौरान दिल्ली एनसीआर में अनसोल्ड इन्वेंट्री में सबसे ज्यादा 19 फीसदी की गिरावट आई है.


नए प्रोजेक्ट पर बढ़ रहा लोगों का फोकस


एनारॉक की एक ताजी रिपोर्ट से भी देश में घर खरीदारों के भरोसे का पता चलता है. यह रिपोर्ट बताती है कि पिछले साल देश के टॉप-7 शहरों में लगभग 4.77 लाख यूनिट की बिक्री हुई, जिसमें 40 फीसदी से ज्यादा न्यू लॉन्च थे. चार साल पहले यह आंकड़ा काफी कम था. साल 2019 में बिके 2.61 लाख मकानों में न्यू लॉन्च का हिस्सा सिर्फ 26 फीसदी था. रिपोर्ट कहती है कि रेसिडेंशियल रियल एस्टेट में ब्रांडेड डेवलपरों का दबदबा बढ़ने से ग्राहकों का भरोसा बढ़ा है. इस कारण घर खरीदारों का फोकस रेडी-टू-मूव या लगभग तैयार हाउसिंग यूनिट से इतर न्यू लॉन्च की तरफ शिफ्ट हो रहा है.


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