Price Hike Impact: पेट्रोल डीजल के दामों में हर रोज इजाफा हो रहा है. ऐसे में कार में पेट्रोल डीजल या स्कूटर बाइक चलाने वालों को पेट्रोल डलवाने के लिए अब ज्यादा पैसे चुकाने पड़ रहे हैं. बीते 14 दिनों में राजधानी दिल्ली में पेट्रोल डीजल 8.40 रुपये प्रति लीटर महंगा हो चुका है. यानि पेट्रोल डीजल के दामों में 9 फीसदी का इजाफा किया जा चुका है. लेकिन जो कार बाइक स्कूटर चलाते हैं उनके पास कोई विकल्प नहीं है, उन्हें दफ्तर जाना है तो महंगा पेट्रोल डीजल डलवाना ही होगा. आपको बताते हैं कैसे महंगा पेट्रोल डीजल कार या फिर स्कूटर बाइक चलाने वालों के जेब पर असर डाल रहा है.    


कार से दफ्तर जाना जेब पर भारी 
जो लोग कार से दफ्तर आते जाते हैं उनकी जेब पर महंगा पेट्रोल बहुत भारी पड़ रहा है. मान लिजिए आपके पास कार है जो 18 किलोमीटर प्रति लीटर का माइलेज देती है और हर रोज दफ्तर आने जाने में आप 60 किलोमीटर की यात्रा तय करते हैं. तो 22 मार्च, 2022 से पहले दिल्ली में जब पेट्रोल 95.41 रुपये प्रति लीटर में मिल रहा था तब दफ्तर आने जाने पर हर रोज 3.50 लीटर पेट्रोल लगते थे, जिसपर 334 रुपये खर्च आते थे. लेकिन अब जबकि पेट्रोल 103.81 रुपये में मिल रहा है तो दफ्तर आने जाने पर 364 रुपये प्रति दिन का खर्च आ रहा है. यानि हर रोज 30 रुपये ज्यादा. 22 मार्च से पहले जहां हर महीने दफ्तर आने जाने के लिए  8684 रुपये पेट्रोल पर खर्च होते थे वो अब 9464 रुपये हो गया है. यानि हर महीने अब 800 रुपये से ज्यादा दफ्तर आने जाने के लिए खर्च करने पड़ेगें. 



बाइक स्कूटर चलाने वालों का भी बिगड़ा बजट
ज्यादातर लोग ऐसे हैं जो स्कूटर बाइक से दफ्तर आते जाते हैं उनकी जेब पर भी महंगा पेट्रोल भारी पड़ रहा है. मान लिजिए किसी के पास बाइक है जो  45 से 50 किलोमीटर प्रति लीटर का माइलेज देती है. और वो हर रोज दफ्तर आने जाने के लिए 70 किलोमीटर की यात्रा तय करता है. तो 22 मार्च से पहले दफ्तर आने जाने में 1.5 लीटर के करीब पेट्रोल खर्च होते थे जिसपर 95.41 रुपये प्रति लीटर के हिसाब से पेट्रोल डलवाने पर 150 रुपये का खर्च प्रति दिन आ रहा था. 4 अप्रैल 2022 से 161 रुपये का खर्च आएगा. यानि हर रोज 11 रुपये ज्यादा. हर महीने दफ्तर आने जाने पर बाइक सवार को 3900 रुपये का खर्च आ रहा था जो अब बढ़कर 4186 रुपये का खर्च पेट्रोल डलवाने पर आएगा. यानि हर महीने करीब 300 रुपये ज्यादा.  


आमदनी नहीं बढ़ी पर खर्च बढ़ रहा
दरअसल महंगाई की मार खुद के दफ्तर आने जाने तक ही सीमित नहीं है. अप्रैल महीने से स्कूलों ने फीस बढ़ा दी है तो महंगे ईंधन के चलते बच्चों का ट्रांस्पोर्टेशन कॉस्ट भी महंगा हो गया है. खाने के तेल से लेकर बाकी कई चीजें महंगी है. डीजल के महंगा होने का असर खाने पीने की वस्तुओं के कीमतों पर पड़ने लगा है. ऐसे में आम लोगों पर महंगाई की चौतरफा मार पड़ रही है.  


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