World’s Most Powerful Passports: फ्री वीजा या वीजा ऑन अराइवल देशों की संख्या के आधार पर दुनिया के अलग-अलग देशों के पासपोर्ट की ताकत मांपी जाती है. इसको लेकर हेनले पासपोर्ट इंडेक्स (Henley Passport Index 2025) ने अपनी नई लिस्ट जारी कर दी है. इस लिस्ट को पासपोर्ट का रिपोर्ट कार्ड भी कहा जाता है.

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इस बार की लिस्ट में जो सबसे ज्यादा चौंकाने वाली बात सामने आई है,  कि अमेरिकी पासपोर्ट को टॉप 10 में जगह नहीं मिलना. जिसका सीधा मतलब है कि अमेरिकी पासपोर्ट की ताकत कम हुई है. इस बार इस लिस्ट में सिंगापुर ने पहला स्थान पाया है. यानि कि सिंगापुर के नागरिक दुनिया के सबसे ज्यादा देशों में वीजा ऑन अरावइल के माध्यम से यात्रा कर सकते है. 

भारतीय पासपोर्ट का हाल  

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भारतीय पासपोर्ट की बात करें तो इसमें 5 अंकों की गिरावट हुई है. पिछले साल ये 80वें नंबर पर था, और इस साल यह 85वें स्थान पर खिसक गया है. हालांकि, पिछली रिपोर्ट में भारतीय पासपोर्ट रैंकिंग में सुधार हुआ था और यह 77वें नंबर पर पहुंची थी. अगर हम वीजा ऑन अरावइल की बात करें तो, भारतीय नागरिक 57 देशों की यात्रा कर सकते है. वीजा ऑन अरावइल का मतलब होता है कि, आपको किसी भी देश की यात्रा करने से पहले उस देश का वीजा नहीं लेना पड़ता. जब आप उस देश में पहुंचते हैं तो, आपको वीजा दिया जाता है.

इन देशों का रहा बोलबला

हेनले पासपोर्ट इंडेक्स 2025 के अनुसार सिंगापुर का पासपोर्ट दुनिया का सबसे ताकतवर पासपोर्ट बन गया है. सिंगापुर के नागरिक बिना वीजा या वीजा ऑन अराइवल की सुविधा के साथ 193 देशों में यात्रा कर सकते हैं. इसके बाद दक्षिण कोरिया 190 देशों और जापान 189 देशों की पहुंच के साथ दूसरे और तीसरे स्थान पर बना हुआ है. 

अगर आपके पास जर्मनी, इटली, लक्जमबर्ग, स्पेन और स्विट्जरलैंड का पासपोर्ट है तो, आप 188 देशों की यात्रा कर सकते हैं. जबकि ऑस्ट्रिया, बेल्जियम, डेनमार्क, फिनलैंड, फ्रांस, आयरलैंड और नीदरलैंड के पासपोर्ट से आप 187 देशों में जा सकते है. अमेरिका और मलेशिया के पासपोर्ट से आप 180 देशों में यात्रा कर सकते हैं.

अमेरिका के पासपोर्ट की जहां ताकत कम हुई है और यह टॉप 10 से बाहर हो गया है. वहीं हमारे पड़ोसी देश चीन के रैंकिंग में काफी सुधार है. साल 2015 के डेटा के अनुसार, चीन के पासपोर्ट की रैंकिंग 94 थी. वहीं, अब 2025 में वह 64वें नंबर पर पहुंच गया है.   

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