अफगानिस्तान अपनी खनिज संपदा के लिए दुनिया भर में जाना जाता है, और इन्हीं दुर्लभ खजानों में से एक है नीलम. यह खूबसूरत नीले रंग का रत्न अफगानिस्तान के उत्तर-पूर्वी इलाके बदख्शां प्रांत के जेगडेलेक क्षेत्र में पाया जाता है. यही इलाका देश में नीलम की खुदाई का सबसे बड़ा केंद्र माना जाता है. यहां की पहाड़ियां कोरुंडम नामक खनिज से भरपूर हैं, जो नीलम और माणिक दोनों का मुख्य स्रोत होता है.
पथरीले पहाड़ों में स्थित हैं खदानें
बदख्शां का इलाका अपने भौगोलिक और मौसमीय हालात की वजह से बेहद कठिन माना जाता है. यहां की खदानें ऊंचे और पथरीले पहाड़ों में स्थित हैं, जिससे खुदाई का काम चुनौतीपूर्ण बन जाता है. आधुनिक उपकरणों की कमी और अस्थिर सुरक्षा हालात के बावजूद, स्थानीय खनिक सदियों से पारंपरिक तरीकों से इन कीमती रत्नों को निकालते आ रहे हैं. अफगानिस्तान का जेगडेलेक क्षेत्र न सिर्फ नीलम बल्कि सीमित मात्रा में रूबी के लिए भी प्रसिद्ध हैं.
अफगानिस्तान में कितने का मिलता है नीलम
अब बात करें नीलम की कीमत की तो अफगानी नीलम का दाम उसकी गुणवत्ता, रंग, वजन और पारदर्शिता पर निर्भर करता है. साधारण गुणवत्ता वाले नीलम की कीमत लगभग 1000 प्रति रत्ती से शुरू होती है, जबकि उच्च गुणवत्ता वाले और गहरे नीले रंग के नीलम की कीमत 1 लाख रुपये प्रति रत्ती या उससे भी ज्यादा तक जा सकती है. बाजार में 2.09 कैरेट के एक अफगानी नीलम की कीमत 5000 से 4.5 लाख रुपये (लगभग $6,000) तक होती है.
कैसे तय होती है नीलम की असली कीमत
जितना बड़ा और भारी नीलम होगा, उसकी कीमत उतनी ही ज्यादा होगी. नीलम का नीला रंग जितना गहरा और साफ होगा, उसकी कीमत उतनी अधिक मानी जाती है. अगर रत्न में दरारें या धुंधलापन नहीं है और उसमें प्राकृतिक चमक है, तो उसकी वैल्यू काफी बढ़ जाती है.
किन देशों में है अफगानी नीलम की मांग
दिलचस्प बात यह है कि अफगानिस्तान से निकले नीलम की काफी मांग भारत, थाईलैंड, श्रीलंका और यूरोप जैसे देशों में रहती है. ये रत्न ज्वेलरी उद्योग में बड़े पैमाने पर इस्तेमाल किए जाते हैं. भले ही अफगानिस्तान में नीलम की खुदाई कठिन हो, लेकिन इसकी प्राकृतिक खूबसूरती और शुद्ध गुणवत्ता इसे दुनिया के सबसे कीमती रत्नों में शामिल करती है. जेगडेलेक की यही धरती आज भी उन खनिकों की मेहनत का गवाह है, जो मिट्टी और पत्थरों के बीच छिपे इस नीले खजाने को खोज निकालते हैं.
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