Cashless Insurance Claim: कोरोना महामारी (Corona Pandemic) शुरू होने के बाद से ही लोगों के बीच हेल्थ इंश्योरेंस पॉलिसी (को लेकर जागरुकता बहुत बढ़ी है. आजकल इंश्योरेंस कंपनियां अपने ग्राहकों को कैशलेस सुविधा (Cashless Insurance Claim) दे रही है जिसमें ग्राहकों इलाज में हुए खर्चे के लिए किसी तरह के पेपर की कार्रवाई नहीं करना होती है. इस इंश्योरेंस में हॉस्पिटल और बीमा कंपनी मिलकर कैशलेस ही इलाज का निर्धारण कर लेते हैं. इससे पॉलिसीधारकों को क्लेम (Policy Claim) के लिए ज्यादा चक्कर नहीं लगाने पड़ते हैं.


मगर पिछले कुछ समय में यह देखा गया है कि इमरजेंसी के समय में बहुत से ऐसे लोग हैं जिन्हें इस कैशलेस की सुविधा इमरजेंसी के समय में नहीं मिली है. अब सवाल यह उठता है कि कैशलेस सुविधा लेने के बाद भी आपको यह सुविधा क्यों नहीं मिलती है. जानते हैं इसके पीछे का कारण-


इमरजेंसी के समय क्यों नहीं मिलती कैशलेस क्लेम की फैसिलिटी?
ज्यादातर केस में मरीजों को कैशलेस सुविधा मिल जाती है, लेकिन कुछ केस में कैशलेस सुविधा नहीं भी मिल पाती है. इसका कारण यह है कि कैशलेस फैसिलिटी को प्राप्त करने के लिए आपको प्री-ऑथराइजेशन (Pre-Authorization) जरूर करवाना चाहिए. इसके बाद आपको कैशलेस की सुविधा आसानी से मिल जाती है. सामान्य तौर पर जब भी अस्पताल में जब भी दिखाने जाएं तो वह बने हेल्थ कार्ड डेस्क पर जरूर जाएं. वहां अपने जाने की तारीख, इलाज और खर्च सभी चीजों की जानकारी दें. इसके बाद आपको आसानी से कैशलेस फैसिलिटी मिल जाएगी.


प्री-ऑथराइजेशन में लगता है इतना समय
गौरतलब है कि प्री-ऑथराइजेशन फैसिलिटी को प्राप्त करने में आपको 6 से 24 घंटे तक का भी वक्त लग जाता है. ऐसे में आपातकाल की स्थिति में हमारे पास इतना वक्त नहीं होता है. प्री-ऑथराइजेशन में खर्च का पहले पूरा मूल्यांकन किया जाता है और इसके बाद ही अप्रूवल दिया जाता है. ऐसे में इमरजेंसी (Health Emergency) में हमारे पास इतना वक्त नहीं होता है. इस कारण आपात में अक्सर लोग कैशलेस की सुविधा का लाभ नहीं उठा पाते हैं और आपको वहां कैश देना पड़ता है. बाद में आप हेल्थ इंश्योरेंस कंपनी से आसानी से क्लेम ले सकते हैं.


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