नई दिल्ली: जीएसटी काउंसिल की आज 2 दिन की बैठक जम्मू-कश्मीर में शुरू हुई जिसमें पहले दिन 80 से 90 फीसदी वस्तुओं और सेवाओं (गुड्स एंड सर्विसेज) पर टैक्स की दरों को तय कर लिया गया है. जीएसटी काउंसिल ने यहां आज शुरू अपनी 2 दिन की बैठक में प्रस्तावित जीएसटी सिस्टम में 4 स्तर की दरें रखी हैं जिनमें रोजमर्रा के इस्तेमाल की जरूरी चीजों पर 5 फीसदी की न्यूनतम दर रखी है. जीएसटी एक जुलाई से लागू किए जाने की योजना है. वित्त मंत्री अरुण जेटली की अध्यक्षता में जीएसटी काउंसिल की बैठक आज यहां शुरू हुई. परिषद में राज्यों के वित्त मंत्री शामिल हैं.
केंद्रीय वित्त मंत्री अरुण जेटली की अध्यक्षता वाली जीएसटी काउंसिल बैठक के पहले सेशन में गुड्स एंड सर्विसेज टैक्स सिस्टम के तहत नियमों को भी मंजूरी दी. परिषद में सभी राज्यों के वित्त मंत्री या उनके प्रतिनिधि शामिल हैं. सूत्रों के मुताबिक 80 से 90 फीसदी वस्तुओं, सेवाओं के बारे में यह तय हो गया है कि उन्हें 5, 12, 18 और 28 फीसदी के टैक्स ढांचे में कहां रखा जाएगा.
बैठक शुरू होने से पहले केरल के वित्त मंत्री थॉमस इसाक ने जीएसटी व्यवस्था में सोने पर 5 फीसदी टैक्स लगाने का मामला उठाया. कुछ जगहों से सोने पर 1 फीसदी टैक्स लगाने की मांग की जा रही है. इसाक ने कहा कि सोना आवश्यक वस्तु नहीं है और इस पर 5 फीसदी की दर से टैक्स लगना चाहिए. वहीं योगी आदित्यनाथ की अगुवाई वाली उत्तर प्रदेश सरकार ने पूजा सामग्री पर जीरो टैक्स की मांग की है. अभी इस पर 18 फीसदी की दर से टैक्स लगाने का प्रस्ताव है. कुछ अन्य राज्यों ने सर्विस टैक्स की दो दरें 12 और 18 फीसदी रखने की मांग की.
राजस्व सचिव हसमुख अढिया ने कहा है कि दूध को जीएसटी के दायरे से बाहर रखा जाएगा और खाद्यान्न की दरें भी सस्ती होंगी. जहां हेयर ऑइल, साबुन, टूथपेस्ट पर टैक्स की दर 18 फीसदी के आसपास होगी वहीं अनाजों को टैक्स के दायरे से बाहर रखा जाएगा जो कि पहले 5 फीसदी रखने का तय किया गया था.
फिटमेंट इस तरीके से किया गया है कि लोगों पर नए टैक्स सिस्टम के कारण टैक्स का बोझ नहीं बढ़े. इस लिए वस्तुओं और सेवाओं को उनके ऊपर इस समय लागू उत्पाद शुल्क, वैट या सर्विस टैक्स को ध्यान में रखकर जीएसटी की विभिन्न दरों के साथ जोड़ा जा रहा है. समझा जाता है कि कल बैठक संपन्न होने के बाद तय कर दरों का पूरा ब्यौरा उपलब्ध हो पाएगा.