GST Slab: जीएसटी को लेकर केंद्र सरकार ने बड़ा फैसला ले सकता है. सरकार (Central Government) जल्द ही जीएसटी के स्लैब में बदलाव कर सकती है. इस हफ्ते चंडीगढ़ में होने वाली जीएसटी परिषद की बैठक में कुछ वस्तुओं की जीएसटी दरों में बदलाव किया जा सकता है, जबकि 215 से अधिक वस्तुओं की दरों में यथास्थिति बनाए रखने के लिए फिटमेंट समिति की सिफारिशों को मान लिया जाएगा.


28-29 जून को होगी बैठक
केंद्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण की अध्यक्षता में और सभी राज्यों एवं केंद्र शासित प्रदेशों के प्रतिनिधियों की जीएसटी परिषद की 47 वीं बैठक 28-29 जून को होने वाली है. परिषद की बैठक छह महीने बाद हो रही है. बैठक में दर को युक्तिसंगत बनाने के अलावा विपक्ष शासित राज्यों को क्षतिपूर्ति के भुगतान पर गर्मागर्म चर्चा कर सकते हैं.


18 फीसदी से घटाकर 5 फीसदी करने की सिफारिश
कर दरों पर आधिकारियों की समिति या फिटमेंट कमेटी द्वारा प्रस्तावित दरों पर विचार किया जाएगा. समिति ने कृत्रिम अंगों और आर्थोपेडिक प्रत्यारोपण पर एक समान पांच फीसदी जीएसटी दर लागू करने की सिफारिश की है. समिति ने रोपवे यात्रा पर जीएसटी दर को वर्तमान में 18 फीसदी से घटाकर पांच फीसदी करने की भी सिफारिश की है.


जीएसटी दरों पर जारी किया जाएगा स्पष्टीकरण
इसके अलावा ओस्टोमी उपकरणों (Ostomy Instruments) पर जीएसटी दर को वर्तमान में 12 फीसदी से घटाकर पांच फीसदी करने का प्रस्ताव है. इसके अलावा इलेक्ट्रिक वाहनों को लेकर जीएसटी दरों पर एक स्पष्टीकरण जारी किया जाएगा, जिसके मुताबिक ईवी, चाहे बैटरी से लैस हों या नहीं, पर पांच फीसदी की दर से टैक्स लगेगा. जीएसटी परिषद में राज्यों के वित्त मंत्रियों के समूह की दो रिपोर्टें भी पेश की जाएंगी.


जीएसटी परिषद की बैठक में विपक्ष शासित राज्य राजस्व घाटे की क्षतिपूर्ति को जारी रखने की पुरजोर वकालत करेंगे. दूसरी ओर केंद्र ऐसे किसी कदम को तंग राजकोषीय स्थितियों का हवाला देते हुए रोकना चाहेगा.


क्षतिपूर्ति कोष को पूरा करने के लिए लिया कर्ज
जीएसटी (GST) क्षतिपूर्ति कोष में कमी को पूरा करने के लिए केंद्र ने 2020-21 में 1.1 लाख करोड़ रुपये और 2021-22 में 1.59 लाख करोड़ रुपये का कर्ज लिया और राज्यों को जारी किया. उपकर संग्रह में कमी की वजह से ऐसा किया गया.


2017 में लागू हुई थी जीएसटी
लखनऊ में जीएसटी परिषद की 45वीं बैठक के बाद केंद्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने कहा था कि राज्यों को राजस्व की कमी के लिए मुआवजे का भुगतान करने की व्यवस्था अगले साल जून में समाप्त हो जाएगी. देश में वस्तु एवं सेवा कर (GST) को एक जुलाई 2017 से लागू किया गया था और राज्यों को जीएसटी के कार्यान्वयन के कारण होने वाले किसी भी राजस्व के नुकसान के एवज में पांच साल की अवधि के लिए क्षतिपूर्ति का आश्वासन दिया गया था.


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