सहारा समूह के संस्थापक सुब्रत रॉय का बीते दिनों निधन हो चुका है. उनके निधन के बाद अब सरकार को हजारों करोड़ रुपये का फायदा हो सकता है. खबरों में ऐसा दावा किया जा रहा है कि सरकार सहारा के अनक्लेम्ड फंड को अपने खजाने में ट्रांसफर करने के कानूनी विकल्पों पर विचार कर रही है.


सरकार इस बात पर कर रही है विचार


इकोनॉमिक टाइम्स की एक रिपोर्ट के अनुसार, सरकार इस बात के कानूनी पहलुओं पर गौर कर रही है कि सहारा-सेबी रिफंड अकाउंट में पड़े उन पैसों को किस तरह से कंसोलिडेटेड फंड ऑफ इंडिया में ट्रांसफर किया जा सकता है, जिनके लिए अब तक किसी ने क्लेम नहीं किया है. रिपोर्ट के अनुसार, पिछले सप्ताह सहारा फाउंडर सुब्रत रॉय के निधन के बाद सरकार ने इस बारे में सोचना शुरू किया है.


पिछले सप्ताह मुंबई में हो गया निधन


सुब्रत रॉय की बात करें तो उन्होंने सहारा समूह के तहत विशाल कारोबारी साम्राज्य खड़ा किया था. उन्हें पिछले रविवार को सेहत बिगड़ने पर मुंबई के कोकिलाबेन धीरूभाई अंबानी हॉस्पिटल में भर्ती कराया गया था. मंगलवार 14 नवंबर को इलाज के दौरान उनकी मौत हो गई. वह 75 साल के थे. उनके निधन की जानकारी सहारा समूह ने एक आधिकारिक बयान जारी कर दी थी.


सामने नहीं आ रहे हैं कोई दावेदार


सहारा समूह में पैसे लगाने वाले इन्वेस्टर्स के पैसे को लौटाने के लिए सहारा सेबी रिफंड अकाउंट बनाया गया था. यह अकाउंट 11 साल पहले बना था. ईटी की रिपोर्ट बताती है कि बीते 11 सालों में सेबी सहारा रिफंड अकाउंट में रखे पैसों को क्लेम करने वाला एक भी दावेदार सामने नहीं आया. एक अधिकारी के हवाले से रिपोर्ट में कहा गया कि इसी कारण सरकार अब फंड को एक अलग अकाउंट में कंसोलिडेटेड फंड ऑफ इंडिया के पास ट्रांसफर करने पर विचार कर रही है. उसके बाद निवेशकों के पैसे को लौटाने के लिए अलग व्यवस्था की जा सकती है.


अनक्लेम्ड है इतने हजार करोड़ का फंड


अभी तक सहारा समूह के 17,526 आवेदकों को 138 करोड़ रुपये का भुगतान किया गया है, जिसमें 48,326 अकाउंट इंवॉल्व हैं. वहीं 31 मार्च तक के आंकड़ों के अनुसार, सहारा समूह और विभिन्न सरकारी बैंकों में खुलाए गए खातों से की गई रिकवरी का आंकड़ा 25,163 करोड़ रुपये है. इस तरह देखें तो अभी 25 हजार करोड़ रुपये से ज्यादा का ऐसा फंड है, जिनके लिए क्लेम नहीं मिला है और जिसे अब सरकारी खजाने में ट्रांसफर किया जा सकता है.


इन कामों में कर सकती है इस्तेमाल


बीते दिनों गृह मंत्री अमित शाह ने सहारा समूह के निवेशकों को पैसे लौटाने की मुहिम की शुरुआत की थी, जिसके लिए खास पोर्टल की शुरुआत हुई है. निवेशकों को पैसे लौटाने के लिए सेंट्रल रजिस्ट्रार ऑफ कॉपरेटिव सोसायटीज को 5000 करोड़ रुपये ट्रांसफर किए गए हैं. उसके बाद भी रिफंड फंड में 20 हजार करोड़ रुपये से ज्यादा की रकम बची है. रिपोर्ट के अनुसार, सेबी के द्वारा इस फंड के लिए दावा करने वालों को नहीं खोज पाने की स्थिति में सरकार इसका इस्तेमाल कर सकती है. पैसे का इस्तेमाल समाज के कल्याण या गरीबों की भलाई की योजनाओं पर किया जा सकता है.


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