Online Financial Fraud: ऑनलाइन फाइनेंशियल फ्रॉड्स की लगातार बढ़ती संख्या और वारदात ने सरकार की चिंता बढ़ा दी है. जिसके बाद फाइनेंशियल सर्विसेज सेक्टर में सायबर सिक्योरिटी को लेकर डिपार्टमेंट ऑफ फाइनेंशियल सर्विसेज सचिव ने एक बड़ी बैठक की है. बैठक में बढ़ते सायबर हमले और फ्रॉड्स के मद्देनजर बैंकों और दूसरे वित्तीय संस्थानों की सायबर सिक्योरिटी को लेकर तैयारियों की समीक्षा की गई. बैठक में डिजिटल पेमेंट फ्रॉड्स के बढ़ती चुनौती के अलावा सायबर अटैक और फ्रॉड रोकने को लेकर रणनीति पर चर्चा हुई.  


70 लाख मोबाइल कनेक्शन काटा गया


बैठक में बताया गया कि डिजिटल इंटेलीजेंस प्लेटफॉर्म के जरिए रिपोर्ट किए गए ऐसे 70 लाख मोबाइल कनेक्शन को डिस्कनेक्ट किया गया है जो सायबर क्राइम और फ्राइनेंशियल फ्रॉड में शामिल थे. साथ ही 900 करोड़ रुपये के रकम को फ्रॉड से बचाया जा सका है जिससे 3.5 लाख प्रभावित लोगों को लाभ हुआ है. बैठक में बैंकों, यूएडीएआई, आरबीआई, ट्राई, दूरसंचार विभाग, सूचना प्रोद्योगिकी मंत्रालय के प्रतिनिधि शामिल हुए. 


बेहतर तरीके से समन्वय करने की नसीहत 


इस बैठक में पुलिस, बैंकों और वित्तीय इकाईयों के बीच रियल टाइम ट्रैकिंग और फ्रॉड किए गए रकम को समय पर ब्लॉक करने के लिए बेहतर तरीके से समन्वय की सुविधा पर नए सिरे से ध्यान केंद्रित करने पर जोर दिया गया. एनबीएफसी और प्रमुख सहकारी बैंकों सहित सभी वित्तीय संस्थानों को सिटीजन फाइनेंशियल साइबर फ्रॉड रिपोर्टिंग एंड मैनेजमेंट सिस्टम (सीएफसीएफआरएमएस' प्लेटफॉर्म पर लाने पर चर्चा हुई जिसमें 259 वित्तीय मध्यस्थ पहले से ही शामिल हैं. 


ग्राहक जागरुकता अभियान चलाने की हिदायत 


बैठक में ये तय किया गया कि अलग अलग एजेंसी से प्राप्त ऑनलाइन वित्तीय धोखाधड़ी पर अलर्ट से निपटने में बैंक और तत्परता दिखायेंगे. कानून का पालन कराने वाली एजेंसियों की आवश्यकताओं को पूरा करने के लिए बैंकों और वित्तीय संस्थान क्षेत्रीय और राज्य स्तरीय नोडल अधिकारियों की नियुक्ति करेंगे. डिजिटल लेंडिंग ऐप्स की श्वेतसूची बनाई जाएगी. बैंकों और वित्तीय संस्थानों सहित सभी स्टेकहोल्डर्स डिजिटल भुगतान सुरक्षा पर ज्यादा से ज्यादा ग्राहक जागरूकता कार्यक्रम चलाएंगे.