Lithium Mining: केंद्रीय कैबिनेट ने आज माइन्स एंड मिनरल्स डेवलपमेंट एंड रेगुलेशन (MMDR) एक्ट में संशोधन को मंजूरी दे दी है. इसके जरिए लिथियम के खनन यानी माइनिंग की नीलामी के लिए रास्ता साफ हो गया है और इनकी कमर्शियल माइनिंग हो सकेगी. माइन्स एंड मिनरल्स डेवलपमेंट एंड रेगुलेशन (MMDR) एक्ट 1957 के संशोधन के लिए संसद के आगामी मानसून सत्र में बिल लाया जाएगा. इसके जरिए निजी कंपनियां भी लिथियम की माइनिंग में हिस्सा ले पाएंगी. मामले की जानकारी रखने वालों के जरिए ये खबर मिली है.


जम्मू-कश्मीर में मिला था लिथियम का विशाल भंडार


कुछ दिन पहले ही ये खबर आई थी कि जम्मू-कश्मीर प्रशासन यहां के रियासी जिले में पाए जाने वाले लिथियम भंडार की नीलामी शुरू करेगा. केंद्र सरकार ने इसी साल फरवरी में जानकारी दी थी कि देश में पहली बार जम्मू-कश्मीर में 59 लाख टन लिथियम का भंडार मिला है. इस साल दिसंबर की शुरुआत में ये लिथियम का भंडार मिला था. भारतीय भूवैज्ञानिक सर्वेक्षण ने पहली बार जम्मू और कश्मीर के रियासी जिले के सलाल-हैमाना क्षेत्र में 5.9 मिलियन टन यानी 59 लाख लिथियम भंडार का पता लगाया था. ये क्षेत्र दिल्ली से 650 किमी उत्तर में स्थित है.


लिथियम की माइनिंग का फैसला क्यों है विशेष


लिथियम का यूज मोबाइल की बैट्री बनाने से लेकर इलेक्ट्रिक व्हीकल्स की बैट्री बनाने के लिए यूज किया जाता है. सरकार के लिथियम की नीलामी से इलेक्ट्रोनिक इंडस्ट्री को तेजी से आगे बढ़ता देखा जा सकता है. इसके अलावा इससे रोजगार के मौके भी पैदा होने की उम्मीद है.


लिथियम के लिए भारत की चीन पर निर्भरता होगी कम


भारत अब तक लिथियम के लिए चीन पर निर्भर है. हालांकि जम्मू-कश्मीर में इस भंडार की खोज के साथ यह माना जाता सकता है कि चीन का एकाधिकार समाप्त हो जाएगा. लिथियम एक अलौह धातु है, जिसका उपयोग मोबाइल-लैपटॉप, इलेक्ट्रिक वाहन और अन्य चार्जेबल बैटरी बनाने में किया जाता है. 


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