Gold Price: मल्टी कमोडिटी एक्सचेंज (MCX) पर शुक्रवार को सोने की कीमतें पहली बार 1 लाख के पार निकल गईं. निवेशकों के बीच बढ़ती असुरक्षा और मध्य-पूर्व में तेज़ होते तनाव की वजह से सोने में खरीदारी का रुझान तेज़ हुआ. इजरायल और ईरान के बीच बढ़ते युद्ध जैसे हालात, ब्याज दरों में संभावित कटौती की उम्मीद और वैश्विक अनिश्चितता मिलकर इस कीमती धातु को नई ऊंचाइयों तक पहुंचा रहे हैं.

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शुक्रवार को MCX गोल्ड 1,00,314 रुपये प्रति 10 ग्राम पर बंद हुआ, जबकि कारोबार के दौरान इसने 1,00,681 का उच्च स्तर भी छुआ. इसके उलट, चांदी में मामूली गिरावट देखी गई और यह 1,06,474 प्रति किलो पर बंद हुई.

वैश्विक बाज़ार में भी रिकॉर्ड स्तर के करीब

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अंतरराष्ट्रीय स्तर पर भी सोने में तेजी जारी है. स्पॉट गोल्ड की कीमत 1.3 फीसदी बढ़कर 3,428.10 डॉलर प्रति औंस पहुंच गई, जो अप्रैल में बने 3,500.05 डॉलर के ऑल टाइम हाई के बेहद करीब है. अमेरिकी सोना वायदा भी 1.5 फीसदी की बढ़त के साथ 3,452.80 डॉलर पर बंद हुआ. बीते हफ्ते में सोने ने करीब 4 फीसदी की बढ़त दर्ज की है, जो इसकी मजबूती को दिखाता है.

किस वजह से गिरा सोना

इस तेजी की सबसे अहम वजह इजरायल द्वारा ईरान के न्यूक्लियर इन्फ्रास्ट्रक्चर पर किए गए हमले हैं. इससे वैश्विक स्तर पर निवेशकों में डर का माहौल बढ़ा है और सोने की ओर रुझान भी. साथ ही, डॉलर इंडेक्स भी जनवरी में 110.18 के उच्च स्तर से गिरकर तीन साल के निचले स्तर पर आ गया है. अमेरिका में महंगाई दर भी मई में घटकर 2.4 फीसदी पर पहुंच गई है, जिससे ब्याज दरों में कटौती की संभावना और बढ़ गई है. ये सभी कारक मिलकर सोने को और ऊपर ले जा रहे हैं.

2025 में अब तक सोने की ऐतिहासिक परफॉर्मेंस

इस साल अब तक सोने ने 31 फीसदी की बढ़त दर्ज की है और लगातार नए रिकॉर्ड बना रहा है. 2005 में जहां सोने की कीमत 7,638 रुपये प्रति 10 ग्राम थी, वहीं जून 2025 में यह 1,00,000 रुपये के पार पहुंच चुका है. यानी करीब 1,200.84 फीसदी की वृद्धि. इतना ही नहीं, बीते 74 दिनों में ही इसमें 10,000 रुपये की तेजी देखी गई है. पिछले 20 वर्षों में सोने ने 16 बार सकारात्मक रिटर्न दिया है, जिससे यह निवेशकों के लिए भरोसेमंद विकल्प साबित हुआ है.

क्या 1.05 लाख तक पहुंच सकता है सोना?

एक्सपर्ट्स का मानना है कि अगर ईरान-इजरायल संकट और बढ़ता है, तो सोने की कीमत 1,05,000 रुपये प्रति 10 ग्राम तक पहुंच सकती है. द मिंट की रिपोर्ट के अनुसार, फिलहाल MCX पर 96,200 रुपये का सपोर्ट लेवल बना हुआ है. अंतरराष्ट्रीय बाजार में अगर सोना 3,500 डॉलर के ऊपर ब्रेकआउट करता है, तो 3,590 डॉलर तक भी जा सकता है, जहां कुछ रेजिस्टेंस देखने को मिल सकता है.

वहीं, Goldman Sachs ने अनुमान लगाया है कि 2025 के अंत तक सोने की कीमत 3,700 डॉलर प्रति औंस और 2026 के मध्य तक 4,000 डॉलर तक पहुंच सकती है. Bank of America भी अगले 12 महीनों में सोने को 4,000 डॉलर तक जाते हुए देखता है.

निवेशकों के लिए क्या है संकेत?

मौजूदा वैश्विक अनिश्चितता, ब्याज दरों में संभावित कटौती, केंद्रीय बैंकों की आक्रामक खरीदारी और बढ़ते भू-राजनीतिक तनावों के चलते सोने में तेजी जारी रह सकती है. निवेशक इसे एक मजबूत सेफ-हेवन एसेट और लॉन्ग-टर्म रिटर्न देने वाले विकल्प के रूप में देख रहे हैं. अगर हालात ऐसे ही बने रहे, तो 1.05 लाख का आंकड़ा भी जल्द हासिल हो सकता है.

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