Gold Jewellery Demand: भारतीयों की सोने के प्रति दीवानगी जगजाहिर है. वर्ल्ड गोल्ड काउंसिल (WGC) की रिपोर्ट भी इस चाहत पर मुहर लगाती है. रिपोर्ट के अनुसार, भारत गोल्ड के सबसे बड़े मार्केट में से एक है और यह तेजी से बढ़ता ही जा रहा है. यही वजह है कि देश में सोने की कीमतें तेजी से उछल रही हैं. दिल्ली में शुक्रवार को गोल्ड के रेट 67,350 रुपये प्रति 10 ग्राम के लेवल पर जा पहुंचे हैं. आशंका जताई जा रही है कि सोना जल्द ही 69 हजार रुपये के पार जा सकता है. इसके बावजूद ज्वेलरी की डिमांड में कोई कमी आने के संकेत नहीं दिखाई दे रहे.


सोने की कीमतें ज्वेलरी खरीदने वालों को नहीं रोक पाईं 


वित्त वर्ष 2023-2024 के दौरान गोल्ड के रेट को लगातार पंख लगे रहे. रूस-यूक्रेन युद्ध, इजरायल-हमास जंग और मिडल ईस्ट के तनाव से निवेशकों का रुझान लगातार सोना खरीदने पर रहा. दुनियाभर के सेंट्रल बैंक ने भी गोल्ड की बड़े पैमाने पर खरीद की. इस वित्त वर्ष एक दौरान एमसीएक्स पर सोने की कीमतें लगभग 12 फीसदी बढ़कर 59400 रुपये प्रति दस ग्राम से 67 हजार रुपये के आंकड़े को पार कर गईं. मगर, विभिन्न ज्वेलर्स के अनुसार, सोने की यह बढ़ती कीमतें ज्वेलरी खरीदने वालों को रोकने में असफल रहीं. 


वेडिंग सीजन में डिमांड तेज रहने की उम्मीद 


पीएनजी ज्वेलर्स के एमडी एवं सीईओ सौरभ गाडगिल के हवाले से मिंट की एक रिपोर्ट में कहा गया है कि त्योहारों के दौरान आभूषणों की खरीद तेजी से बढ़ती गई. कस्टमर्स होली, गुड़ी पड़वा और अक्षय तृतीया जैसे त्योहारों पर खूब ज्वेलरी खरीद रहे हैं. आगे वेडिंग सीजन भी आ रहा है. ऐसे में डिमांड बनी रहने की पूरी उम्मीद है. वर्ल्ड गोल्ड काउंसिल का मानना है कि ग्रामीण इलाकों में सोने को सुरक्षित निवेश के तौर पर देखा जाता है. इसलिए वो ज्वेलरी पर काफी निवेश करते हैं. हालांकि, आम चुनावों के चलते ज्वेलरी की खरीद में कुछ गिरावट भी आ सकती है. 


अगली तिमाही में 10 फीसदी तक बढ़ सकती है डिमांड


खिमजी ज्वेलर्स के डायरेक्टर मितेश खिमजी के अनुसार, अक्षय तृतीया नजदीक ही है. साथ ही ग्रामीण इलाकों में फसल भी आने लगी है. ऐसे में ज्वेलरी की डिमांड तेज रहने की उम्मीद है. कस्टमर्स अपने बजट को लेकर चिंतित हैं लेकिन, हमें कुछ सालों के ट्रेंड के चलते पूरी उम्मीद है कि डिमांड बढ़ती रहेगी. अगली तिमाही में डिमांड 10 फीसदी तक बढ़ सकती है.


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