Fake Gold Hallmark : अगर आप सोने की खरीददारी (Gold Shopping) करने जा रहे है, या पहली बार सोना खरीद रहे है. तो ये खबर आपके काम की साबित हो सकती है. इस खबर में हम आपको सोने की असली-नकली होने की पहचान से जुड़ी जानकारी देने जा रहे है. आप कैसे सोने के आभूषणों पर हॉलमार्किंग (Gold Hallmark) को कुछ ही देर में पता कर सकते है. आप असली-नकली हॉलमार्क की पहचान कर सकते है. देश में नकली हॉलमार्क वाले गहने धड़ल्‍ले से बिक रहे हैं. कही आप तो इसके शिकार नहीं हो रहे है. 


क्‍या है हॉलमार्किंग


हॉलमार्किंग सोने की शुद्धता की गारंटी है. हॉलमार्क हर आभूषण पर लगने वाला एक तरह का निशान जैसा है. सोने के गहनों पर भारतीय मानक ब्यूरों (BIS) का प्रतीक चिन्ह लगा होता है, जो उसकी शुद्धता बताता है. साथ ही हॉल मार्किंग में टेस्टिंग सेंटर आदि की जानकारी मिल जाती है. हर आभूषण में सोने की मात्रा अलग-अलग होती है, जो उसकी शुद्धता पर तय होती है. कई बार ज्वैलर्स कम कैरेट के आभूषणों पर ऊंची कैरेट की कीमतें वसूलते हैं. इसको खत्म करने के लिये हॉलमार्किग को अनिवार्य किया है.


नकली हॉलमार्किंग को रोके सरकार 


केंद्र सरकार ने लोगों को ठगी से बचाने के लिए सोने के आभूषणों पर हॉलमार्किंग (Gold Hallmarking) को अनिवार्य कर दिया है. इसके बाद भी सोने के मिलावटी गहने देश के बाज़ारो में बेचे जा रहे हैं. हॉलमार्किंग फेडरेशन ऑफ इंडिया (HFI) का मानना है कि कुछ लोग सोने के आभूषणों पर नकली हॉलमार्किंग (Fake Gold Hallmark) कर ग्राहकों को चूना लगा रहे हैं. सरकार को फेडरेशन ने पत्र लिखकर नकली हॉलमार्किंग को रोकने के लिए सख्‍त कदम उठाने की मांग की है.


पूरी तरह बैन हो पुराना लोगो 


मीडिया रिपोर्ट के अनुसार, एचएफआई (HFI) के प्रेसीडेंट जेम्‍स जोस का कहना है कि सरकार ने अभी तक हॉलमार्किंग के पुराने लोगो पर बैन नहीं लगाया है. जिसकी आड़ में नकली हॉलमार्किंग कर कम कैरेट वाले सोने के गहने ग्राहकों को ज्‍यादा कैरेट के बताकर बेचे जा रहे हैं. जोस ने कहा कि हॉलमार्किंग का पुराना लोगो ज्‍यादा सुरक्षित नहीं है. नकली हॉलमार्किंग पर रोक लगाने के‍ लिए सरकार को पुराना लोगो इस्‍तेमाल करने की समय सीमा तय कर देनी चाहिए और तय सीमा के बाद इसे पूरी तरह बैन कर देना चाहिए.


ऐसे करें असली हॉलमार्किंग की पहचान 


पिछले साल 1 जुलाई से सरकार ने गोल्ड ज्वेलरी की हॉलमार्किंग के संकेतों में बदलाव करते हुए संकेतों की संख्‍या 3 कर दी है. पहला संकेत बीआईएस हॉलमार्क का होता है. यह एक तिकोना निशान होता है. दूसरा संकेत शुद्धता (Purity) के बारे में बताता है. या‍नी, इससे पता चलता है कि गहना कितने कैरेट सोने से बना है. तीसरा संकेत 6 डिजिट का एक अल्फान्यूमेरिक कोड होता है जिसे HUID नंबर कहा जाता है. HUID का मतलब हॉलमार्क यूनिक आइडेंटिफिकेशन नंबर होता है. इस 6 डिजिट के कोड में लेटर और डिजिट्स शामिल होते हैं. हॉलमार्किंग के समय हर ज्वेलरी को एक HUID नंबर एलॉट किया जाता है. यह नंबर यूनिक होता है. मतलब है कि एक ही एचयूआईडी नंबर की दो ज्वेलरी नहीं हो सकती.


इस ऐप से करें चेक 


भारतीय मानक ब्‍यूरो के बनाए बीआईएस केयर ऐप (BIS Care App) नामक मोबाइल ऐप से आप हॉलमॉर्क ज्‍वैलरी की जांच कर सकते हैं. बीआईएस केयर ऐप को डाउनलोड करके इसमें अपना नाम, फोन नंबर और ईमेल आईडी देनी होगी. इसके बाद अपना मोबाइल नंबर और ईमेल आईडी ओटीटी के जरिए वेरिफाई करना होगा. वेरिफिकेशन के बाद ही इस ऐप का प्रयोग किया जा सकता है.


ऐप में मिलेगा ‘Verify HUID’ फीचर 


आपको बता दे कि बीआईएस केयर ऐप में ‘Verify HUID’ का फीचर दिया है. इसमें ज्‍वैलरी पर दिए गए एचयूआईडी नंबर को डालकर आप पता लगा सकते हैं कि हॉलमार्किंग असली है या नकली. इसके अलावा ऐप के लाइसेसिंग डिटेल सेक्शन में जाकर ब्रांडेड प्रोडक्ट्स की जांच कर सकते हैं. अगर आप अपनी खरीदी हॉलमार्क ज्‍वैलरी से संतुष्‍ट नहीं है, तो आप ऐप के कम्‍पलेट्स सेक्‍शन में जाकर शिकायत दर्ज कर सकते हैं.


 


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