प्रतिकूल आर्थिक परिस्थितियों के बीच पूरी दुनिया करीब 2 साल से छंटनी की मार झेल रही है. खासकर टेक सेक्टर में छंटनी का प्रकोप इतना भारी है कि दुनिया की नामी-गिरामी कंपनियां भी इससे बच नहीं पाई हैं. साल 2023 को देखें तो इस साल छंटनी की रफ्तार कम होने के बजाय और तेज हो गई है. इसने शुरुआती सात महीने में ही पिछले पूरे साल का रिकॉर्ड तोड़ दिया है.


पिछले साल इतने लोग हुए बेरोजगार


बिजनेस टुडे की एक खबर में अल्ट इंडेक्स के हवाले से छंटनी के आंकड़े बताए गए हैं. उसके अनुसार, साल 2023 में अब तक टेक कंपनियां 2.26 लाख से ज्यादा कर्मचारियों को नौकरी से बाहर कर चुकी हैं. यह आंकड़ा इस कारण भयावह हो जाता है क्योंकि इससे पहले सबसे भयानक छंटनी का रिकॉर्ड पिछले साल बना था और 2022 में टेक कंपनियों ने करीब 2 लाख लोगों की छंटनी की थी.


टूट गया पिछले साल का ये रिकॉर्ड


अल्ट इंडेक्स के अनुसार, साल 2022 के पूरे 12 महीने के दौरान दुनिया भर की तमाम टेक कंपनियों ने 2.02 लाख कर्मचारियों की छुट्टी की थी, जबकि इस साल शुरुआत के सात महीने में ही आंकड़ा 2.26 लाख के पार निकल चुका है. इसका मतलब हुआ कि न सिर्फ किसी एक साल में सबसे ज्यादा छंटनी का पहले ही रिकॉर्ड टूट चुका है, बल्कि इन सात महीनों में पिछले साल के पूरे 12 महीने की तुलना में 40 फीसदी ज्यादा छंटनी हो चुकी है.


इन कारणों से कंपनियां छंटनी पर मजबूर


छंटनी करने वाली कंपनियों में दुनिया की कई दिग्गज कंपनियां शामिल हैं. इनमें गूगल, फेसबुक की पैरेंट कंपनी मेटा, माइक्रोसॉफ्ट और अमेजन के भी नाम शामिल हैं. टेक सेक्टर में करीब 2 साल से चल रही भारी छंटनी के लिए कई कारणों को जिम्मेदार बताया जा रहा है. वैश्विक आर्थिक अनिश्चितता इसकी सबसे बड़ी वजह है, जबकि दुनिया भर में रिकॉर्ड तोड़ महंगाई, सप्लाई चेन की चुनौतियां और बिक्री के मोर्चे पर गिरावट से भी टेक कंपनियों के लिए परेशानियां बढ़ रही हैं.


अब तक गई 4 लाख से ज्यादा नौकरियां


दुनिया भर की टेक कंपनियों में छंटनी के दौर की शुरुआत साल 2021 में हुई थी. टेक कंपनियों ने खराब होते हालात के मद्देनजर साल 2021 के आखिरी महीनों से छंटनी की शुरुआत की, जो लगातार तेज होती चली गई. साल 2021 में टेक कंपनियों में करीब 15-20 हजार छंटनी के मामले रिकॉर्ड किए गए. इस तरह देखें तो बीते 2 साल के दौरान अब तक टेक सेक्टर में 4 लाख से ज्यादा लोग नौकरियां गंवा चुके हैं.


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