Global Fintech Fest 2023: देश की आर्थिक राजधानी मुंबई में आज से ग्लोबल फिनटेक फेस्ट 2023 की शुरुआत हो चुकी है और वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने अपने उद्घाटन भाषण में देश के फिनटेक से लेकर स्टार्टअप्स और टेक्नोलॉजी के दौर में भारतीय अर्थव्यवस्था की बढ़ती रफ्तार का जिक्र किया है. हालांकि उन्होंने भरोसा दिलाया है कि भारत के आर्थिक विकास की तेजी पर दुनिया भर के वित्तीय संकटों का व्यापक असर नहीं आएगा क्योंकि देश की आर्थिक सेहत अच्छी है.


भारत में इनकम टैक्स रिटर्न फाइलिंग की असाधारण ग्रोथ


निर्मला सीतारमण ने कहा कि भारत के सभी टैक्स स्लैब में इस साल कम से कम तीन गुना ज्यादा इनकम टैक्स रिटर्न फाइलिंग हुए हैं और इसके अलावा कुछ सेगमेंट में तो इसकी ग्रोथ चार गुना तक देखी गई है. भारत के अगस्त 2023 में आए आईटीआर फाइलिंग के डेटा इस बात का सबूत हैं कि देश की अर्थव्यवस्था का औपचारिक स्वरूप तेजी से विस्तार कर रहा है. इतना ही नहीं साल 2047 तक 41 करोड़ भारतीयों के देश के टैक्स सिस्टम में शामिल होने की उम्मीद है जो बेहद बड़ा आंकड़ा है.


दुनिया का सबसे बड़ा रेमिटेंस हासिल करने वाला देश भारत- वित्त मंत्री


वित्त मंत्री ने कहा कि भारत दुनिया का सबसे बड़ा रेमिटेंस हासिल करने वाला देश है और इसके आधार पर कहा जा सकता है कि क्रॉस बॉर्डर पेमेंट्स के क्षेत्र में भारत की प्रगति विश्व के सभी देशों से सबसे ज्यादा है. साल में 120 अरब ट्रांजेक्शन अलग-अलग देशों से हुए हैं और भारत का यूपीआई जो रिकॉर्ड बना रहा है वो देश के फाइनेंशियल सिस्टम के ठोस फ्रेमवर्क को दिखा रहा है. 


ग्लोबल सहयोग के जरिए एक आर्थिक तंत्र विकसित करने की जरूरत- वित्त मंत्री


वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने कहा कि हम जब ग्लोबल फाइनेंशियल इकोसिस्टम की बात करते हैं तो ग्लोबलाइजेशन की तार्किकता पर सवाल भी उठते हैं. इन्हीं का जवाब ढूंढने की जरूरत है और ग्लोबल सहयोग के जरिए एक आर्थिक तंत्र विकसित करने की आवश्यकता है जिससे विकासशील देशों के साथ साथ उभरती अर्थव्यवस्थाओं को भी इसका फायदा मिल सके. वैश्विक सहयोग इसकी प्रमुख कड़ी है जिसके जरिए ही हम वैश्विक आर्थिक विकास की रफ्तार को बढ़ा सकते हैं. भारत इस दिशा में महत्वपूर्ण सहयोगी के तौर पर काम कर सकता है.


ग्लोबलाइजेशन ने कई तरीकों से की मदद- निर्मला सीतारमण


ग्लोबलाइजेशन या वैश्वीकरण ने देशों की गरीबी कम करने में मदद की है. इसके अलावा ना केवल मॉनिटरी संदर्भ में, बल्कि मानव जीनव के उत्थान, डेमोग्राफिक विस्तार, संसाधनों तक पहुंच, वैश्विक डिजिटल साक्षरता और समृद्धता का प्रसार करने में भी ये मददगार रहा है. इसके लिए एक जिम्मेदार वित्तीय इकोसिस्टम की जरूरत है.


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