AI on India GDP: आर्टिफिशियल इंटेलीजेंस यानी एआई से भारतीय अर्थव्यवस्था को आने वाले दिनों में बड़ा फायदा होने वाला है. एक हालिया रिपोर्ट का कहना है कि अकेले जेनरेटिव एआई अगले सात साल में भारतीय अर्थव्यवस्था में अरबों डॉलर का योगदान दे सकता है और भारत की जीडीपी में अरबों डॉलर आ सकते हैं.


भारतीय जीडीपी में योगदान


भारतीय अर्थव्यवस्था पर एआई के संभावित असर को लेकर ईवाय ने एक रिपोर्ट तैयार की है, उसमें ये बातें कही गई हैं. रिपोर्ट के अनुसार, जेनरेटिव एआई के चलते भारत में इनोवेशन और प्रोडक्टिविटी के नए दौर की शुरुआत होगी. इस जेनरेटिव एआई से अगले सात सालों में भारतीय जीडीपी में 1.2 ट्रिलियन से 1.5 ट्रिलियन डॉलर तक का योगदान आ सकता है.


आर्टिफिशियल इंटेलीजेंस गेमचेंजर


ईवाय का कहना है कि जेनरेटिव एआई से भारतीय अर्थव्यवस्था को मिलने वाले अहम योगदान की अगुवाई एजुकेशन और अपस्किलिंग करेंगे. डिजिटल वर्ल्ड में टैलेंट कहीं से भी निकलकर सामने आ सकता है. ऐसे में डिजिटल स्किल गेम चेंजर साबित होंगे और भारत के डेमोग्राफिक डिविडेंड का लाभ उठाते हुए करोड़ों लोगों को बेहतर तरीके से समान अवसर मुहैया कराएंगे.


माइक्रोसॉफ्ट के सीईओ सत्या नडेला को है यकीन


माइक्रोसॉफ्ट के सीईओ सत्या नडेला भी मानते हैं कि भारतीय अर्थव्यवस्था के लिए एआई गेमचेंजर साबित होने वाला है. नडेला अभी भारत आए हुए हैं. बुधवार को वह मुंबई में एक कार्यक्रम में हिस्सा ले रहे थे, जहां उन्होंने कहा कि अगले दो साल में भारत को 5 ट्रिलियन डॉलर की इकोनॉमी बनाने में आर्टिफिशियल इंटेलीजेंस की अहम भूमिका रहने वाली है.


20 लाख भारतीयों को मिलेगी ट्रेनिंग


माइक्रोसॉफ्ट सीईओ ने इसके साथ ही 20 लाख भारतीयों को आर्टिफिशियल इंटेलीजेंस में कुशल बनाने का भी ऐलान किया. उन्होंने कहा कि आने वाले दिनों में अच्छी सैलरी वाले जॉब ग्रामीण भारत की ओर शिफ्ट होंगे और उससे बड़ा बदलाव आएगा. मैंने अपने जीवन में एआई जैसी कोई दूसरी चीज नहीं देखी है और यह मौजूदा स्तर से बहुत आगे तक जाने वाला है.


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