GeM Portal: सरकारी पोर्टल गवर्नमेंट ई मार्केटप्लेस (जीईएम) से वस्तुओं और सेवाओं की खरीद ने वित्तीय वर्ष 2022-2023 में 2 लाख करोड़ रुपये का आंकड़ा पार कर लिया है. इसे उल्लेखनीय उपलब्धि बताते हुए, केंद्रीय वाणिज्य और उद्योग मंत्री पीयूष गोयल ने सार्वजनिक और राष्ट्रीय हित में डिजिटल उपकरण के रूप में जीईएम की भूमिका पर प्रकाश डाला.


वाणिज्य मंत्री पीयूष गोयल ने ट्वीट कर दी जानकारी


मंत्री ने कहा कि जीईएम उस गति का प्रतीक है, जिससे प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी आधुनिक तकनीक के जरिए देश को आगे ले गए हैं. उन्होंने कहा, मुझे विश्वास है कि जीईएम तेजी से बढ़ेगा, भविष्य बहुत उज्‍जवल है. मैं अधिक से अधिक विक्रेताओं से जीईएम से जुड़ने की अपील करना चाहूंगा ताकि उन्हें भी सरकार की खरीद प्रक्रिया में भाग लेने का मौका मिले.


जीईएम पोर्टल लॉन्च होने के बाद करीब 400 करोड़ रुपए का कारोबार हुआ और दूसरे साल जीईएम ने करीब 5,800 करोड़ रुपए का कारोबार किया. मंत्री ने बताया कि जीईएम के माध्यम से कारोबार दो साल पहले लगभग 35,000 करोड़ रुपये से बढ़ा है और पिछले साल तीन गुना बढ़कर 1,06,000 रुपये हो गया है. उन्होंने आगे कहा कि पांच साल में 2 लाख करोड़ रुपये की वृद्धि दर्शाती है कि प्रधानमंत्री का यह प्रयोग सफल रहा है.


भारत के निर्यात को लेकर मिली जानकारी


पीयूष गोयल ने यह भी उल्लेख किया कि भारत ने वित्त वर्ष 2022-23 के लिए कुल निर्यात 750 बिलियन डॉलर को पार कर लिया है और अंतिम आंकड़ा 765 बिलियन डॉलर को पार करने की उम्मीद है. उन्होंने बताया कि हाल ही में मुंबई में आयोजित जी20 व्यापार और निवेश कार्य समूह की बैठक में भी सकारात्मक चर्चा हुई.



विदेश व्यापार नीति में स्थिरता की भावना दिखाती है खरीद


केंद्रीय मंत्री ने कहा कि भारत को प्रधानमंत्री मोदी के नेतृत्व में जी-20 की अध्यक्षता मिली है और यह तेजी से विकसित हो रहे 'न्यू इंडिया' की उपलब्धियों को दुनिया के सामने प्रदर्शित करने का एक शानदार अवसर है. राष्ट्रीय राजधानी में शुक्रवार को जारी विदेश व्यापार नीति 2023 के बारे में बोलते हुए उन्होंने कहा कि इसका उद्योग और व्यापार निकायों ने स्वागत किया है. उन्होंने कहा कि विदेश व्यापार नीति में स्थिरता की भावना झलकती है.


GeM के बारे में जानें


जीईएम, भारत में सार्वजनिक खरीद के लिए ऑनलाइन प्लेटफॉर्म की शुरूआत 9 अगस्त, 2016 को खरीदारों और विक्रेताओं के लिए निष्पक्ष और प्रतिस्पर्धी तरीके से खरीद गतिविधियों को पूरा करने के लिए समावेशी, कुशल और पारदर्शी मंच बनाने के उद्देश्य से की गई थी.


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