Startup India Failure : केंद्र सरकार ने देश के युवाओं और कामकाजी महिलाओं को ध्यान में रखते हुए स्टार्टअप इंडिया की शुरुआत की थी. रोजगार के रूप में उभरे ये सभी स्टार्टअप अब धीरे-धीरे कमजोर साबित होने लगे है. आपको मालूम होगा कि अभी देश में बीते कुछ महीने में स्टार्टअप 12000 युवाओं को नौकरी से बाहर कर चुके हैं. वही चालू वित्त वर्ष की पहली तिमाही में भारतीय स्टार्टअप कंपनियों की तरफ से जुटाई गई रकम 33 % गिरकर 6.9 अरब डॉलर रह गई है.


11000 को निकला बाहर
कोरोना काल में सबसे ज्यादा एडटेक यानि Online Classes से जुड़े स्टार्टअप और फिनटेक में बंपर नौकरियां निकली थीं, लेकिन अब सबसे बुरा हाल इन्हीं का है. देश में 25 स्टार्टअप ने इस साल जनवरी से अब तक 11,695 लोगों को निकाल दिया है. सबसे ज्यादा छंटनी ओला (2100), ब्लिंकिट (1600), व्हाइटहैट जूनियर (1300), लीडो लर्निंग (1200), अनएकेडमी (925), वेदांतु (624), कोर्स-24 (600), एमफ़ाइन (600), ट्रेल (400), टॉपर (300) ने की है. इसमें सबसे ज्यादा छंटनी ई-कॉमर्स कंपनियों ने की, जबकि एजुटेक दूसरे नंबर पर रही हैं. 


ये है स्टार्टअप के हाल 
बाजार आसूचना मंच ट्रैक्सन की एक रिपोर्ट के मुताबिक, अप्रैल-जून तिमाही में भारतीय स्टार्टअप ने 6.9 अरब डॉलर का कोष जुटाया जो जनवरी-मार्च तिमाही के 10.3 अरब डॉलर की तुलना में 33 प्रतिशत कम है. अप्रैल-जून, 2021 की तुलना में भी यह आंकड़ा कम है. एक साल पहले की समान अवधि में भारतीय स्टार्टअप ने 10.1 अरब डॉलर का वित्त जुटाया था. रिपोर्ट की माने तो, भारतीय स्टार्टअप ने अप्रैल-जून तिमाही में वित्तपोषण के 409 दौर में कुल 6.9 अरब डॉलर जुटाए. वित्तपोषण में आई गिरावट के पीछे भारतीय स्टार्टअप को मिलने वाले वित्त में आ रही सुस्ती ही मुख्य वजह लगती है.


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