मार्च महीने में एसएमएस स्क्रबिंग पॉलिसी की वजह से डिजिटल पेमेंट करने में मोबाइल यूजर्स को काफी दिक्कत आई थी. ट्राई ने टेलीकॉम कंपनियों से कहा है बैंक, एनबीएफसी समेत 40 बिजनेस एंटिटी की लिस्ट जारी करते हुए कहा है कि सभी कारोबारी निकाय एसएमएस फिल्टरिंग से जुड़े सारे कंप्लायंस 31 मार्च, 2021 तक पूरे कर लें ताकि ओटीपी मिलने में दिक्कत न हो. अगर ऐसा नहीं किया जाएगा तो बिजनेस एंटिटी को 1 अप्रैल से कस्टमर्स से कम्यूनिकेशन में दिक्कत आ सकती है. इसके साथ ही मोबाइल और बिजली के बिल समेत तमाम यूटिलिटी बिल की रेकरिंग सर्विस में भी दिक्कत आ सकती है. रेकरिंग सर्विस का मतलब हर महीने अदा किए जाने बिल से है. जिन यूजर्स ने ऑटोमेटिक रेकरिंग सर्विस का ऑप्शन चुना है, उन्हें पेमेंट करने में दिक्कत आ सकती है.


अमेजन और नेटफिलक्स जैसी ओटीटी सर्विस को पेमेंट भी दिक्कत

मोबाइल, यूटिलिटी बिल पर पैदा होने वाली दिक्कतों के अलावा अमेजन और नेटफिलक्स जैसी ओटीटी सर्विस को भी पेमेंट लेने में दिक्कत आ सकती है. टेलीकॉम सर्विसेज कंपनियां भारती एयरटेल, वोडाफोन आइडिया के अलावा टाटा और बीएसईएस जैसी इलेक्ट्रिसिटी कंपनियां को पेमेंट मिलने में दिक्कत आ सकती है. इसकी वजह है आरबीआई का एडिशनल फैक्टर ऑथेंटिकेशन पर लागू होने वाला नया नियम. आरबीआई ने बैंक, कार्ड नेटवर्क और ऑनलाइन वेंडर्स को 31 मार्च तक एडिशनल फैक्टर ऑथेंटिकेशन पर लागू होने वाला नया नियम की कंप्लायंस पूरी करनी होगी.

आरबीआई का नया नियम 1 अप्रैल से लागू हो जाएगा

नए नियम के मुताबिक बैंक को कस्टमर्स को पेमेंट डिडक्ट होने की तारीख से पांच दिन पहले एक नोटिफिकेशन भेजना होगा. कस्टमर की मंजूरी मिलने के बाद ही यह रकम कस्टमर के खाते से डेबिट होगा. नए नियम के मुताबिक पांच हजार से ऊपर के रेकरिं पेमेंट के लिए बैंकों को ग्राहकों को वन -टाइम पासवर्ड भी भेजना होगा. आरबीआई ने कहा है कि नया नियम नए वित्त वर्ष यानी 2021-22 से लागू हो जाएगा. हालांकि ज्यादातर बैंकों और वेंडरों ने कहा है कि इसके लिए वे तैयार नहीं हैं.

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