India-Oman Free Trade Agreement: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ओमान दौरे पर पहुंच चुके हैं. आज उनकी मुलाकात ओमान के सुल्तान हैथम बिन तारिक से होगी. बताया जा रहा है इस दौरान आर्थिक संबंधों को बढ़ावा देने के मकसद से दोनों देश फ्री ट्रेड एग्रीमेंट पर साइन करेंगे.

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पीएम मोदी मंगलवार को जॉर्डन से इथियोपिया पहुंचे और फिर वहां से अदीस अबाबा होते हुए ओमान पहुंचे. मीडिया रिपोर्ट के मुताबिक, FTA पर साइन करने के लिए वाणिज्य और उद्योग मंत्री पीयूष गोयल मस्कट पहुंच गए हैं. कॉर्स सेक्रेट्री राजेश अग्रवाल के भी ओमान पहुंचने की बात है. भारत और ओमान के बीच फ्री ट्रेड एग्रीमेंट पर बात औपचारिक रूप से नवंबर 2023 में शुरू हुई थी और अब जाकर इस साल पूरी होगी. 

किन सेक्टरों को मिलेगा बढ़ावा? 

उम्मीद है कि इस ट्रेड डील से मिडिल ईस्ट में भारत की पहुंच ज्यादा बढ़ेगी और टेक्सटाइल से लेकर फुटवियर, ऑटोमोबाइल से लेकर जेम्स एंड ज्वेलरी, रिन्यूऐबल एनर्जी, ऑटो कॉम्पोनेंट्स जैसे कई सेक्टरों को इसका फायदा पहुंचेगा. इससे भारतीय एक्सपोर्टरों को अपने सामानों की बिक्री के लिए एक और बड़ा बाजार मिलेगा, जिससे सप्लाई चेन को फ्लेक्सिबिलिटी मिलेगी.  

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क्या होता है फ्री ट्रेड एग्रीमेंट?

फ्री ट्रेड एग्रीमेंट (FTA) या मुक्त व्यापार समझौता दोनों देशों के बीच एक समझौता होता है. इसके तहत, देश एक-दूसरे पर लगने वाले आयात शुल्क (Import Duty)  को या कम कर देते हैं या हटा देते हैं. टैक्स करने के अलावा कोटा, लाइसेंसिंग भी कम की जाती है ताकि व्यापार संबंधी बाधाओं को कम किया जा सके. FTA से नए-नए बाजारों में कंपनियों की पहुंच बढ़ती, कारोबार सस्ता होता है, व्यापार बढ़ता है, जिससे आर्थिक विकास को बढ़ावा मिलता है. 

भारत ने पिछले कुछ सालों में कई FTA साइन किए हैं, जिनसे देश के किसानों, व्यापारियों और एक्सपोर्टर्स को फायदा हो रहा है.

यूनाइटेड किंगडम (2025)- भारत और यूनाइटेड किंगडम के बीच इसी साल फ्री ट्रेड एग्रीमेंट हुआ, जिसे  समग्र आर्थिक और व्यापार समझौता (Comprehensive Economic and Trade Agreement – CETA) कहा गया. इसके तहत ट्रेड किए जाने वाले 90 परसेंट से अधिक सामानों पर टैरिफ कम किया गया, जिससे द्विपक्षीय व्यापार को बढ़ावा मिला.

EFTA (2024)- यह पिछले साल मार्च में भारत और यूरोप के चार देशों (स्विट्जरलैंड, नॉर्वे, आइसलैंड और लिकटेंस्टीन) के संगठन यूरोपीय फ्री ट्रेड एसोसिएशन (EFTA) के साथ हुआ एक अहम कारोबारी समझौता है. इस डील पर सबसे पहले बातचीत साल 2008 में हुई थी. फिर 13 दौर की वार्ता के बाद बातचीत रूक गई. फिर EFTA के सदस्य देशों के साथ 2016 में एक बार फिर से बातचीत शुरू हुई. पूरे 16 साल और 21 राउंड की बातचीत के बाद आखिरकार यह डील पूरी हुई थी.

UAE (2022)- 18 फरवरी 2022 को भारत और संयुक्त अरब अमीरात (UAE) के बीच CEPA पर दस्तखत हुए. इसके तहत, 90 परसेंट से ज्यादा भारतीय एक्सपोर्ट पर टैरिफ कम कर रहा है, जिससे रत्न और आभूषण, कपड़ा, चमड़ा और इंजीनियरिंग सामानों के व्यापार को बढ़ावा मिल रहा है. 

 

 

 

 

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