नई दिल्लीः टाटा फाइनेंस के पूर्व एमडी दिलीप सुधारक पेंडसे ने बुधवार सुबह अपने प्राइवेट ऑफिस में खुदकुशी कर ली. उनकी लाश दफ्तर की छत से लटकी मिली. पुलिस को उनका सुसाइड नोट भी मिल गया है. मुंबई पुलिस के मुताबिक उन्होंने अपनी खुदकुशी के पीछे अपने पर्सनल पॉब्लम को वजह बताया है. दिलीप 61 साल के थे. मुंबई के दादर ईस्ट में रॉयल ग्रेस बिल्डिंग में उनका निजी दफ्तर था जहां सुबह साढ़े ग्यारह के बीच उन्होंनें पंखे से लटककर आत्महत्या कर ली.
माटुंगा पुलिस ने आत्महत्या का मामला दर्ज किया दिलीप पेंडसे की लाश को पोस्टमार्टम के लिए सायन स्थित सरकारी अस्पताल भेजा गया था. हालांकि सुसाइड नोट में खुदकुशी की व्यक्तिगत वजह बताई गई है लेकिन मुंबई पोलिस इस मामले की छानबीन कर रही है. मुंबई पुलिस प्रवक्ता डीसीपी रश्मि करनडिकर ने कहा कि माटुंगा पुलिस ने 'दुर्घटना में मौत' का मामला दर्ज किया है. पेंडसे को कुछ साल पहले टाटा फाइनेंस ने बर्खास्त कर दिया था.
दिलीप पेंडसे ने पत्नी के जन्मदिन वाले दिन की आत्महत्या मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक कल उनकी पत्नी प्रतिमा का जन्मदिन था. उनकी पत्नी का कहना है कि वो कई दिनों से दिलीप उनके जन्मदिन के लिए तैयारियां भी कर रहे थे जिससे उनके परेशान होने जैसा कुछ अंदेशा नहीं था. दिलीप पेंडसे के शव को भी सबसे पहले उनकी पत्नी ने ही देखा.
टाटा फाइनेंस से किया गया था बर्खास्त 2001 में कंपनी के कॅरी फॉरवर्ड ट्रांजेक्शन में तत्कालीन मैनेजिंग डायरेक्टर दिलीप पेंडसे पर घोटाले का आरोप लगा था. स्टॉक मार्केट रेगुलेटर सेबी ने इस मामले में जांच साल 2008 से शुरू की थी और उन्हें भी जांच के दायरे में लिया था. जांच के बाद उनका नाम करीब 2 करोड़ रुपये के गैरकानूनी लेन-देन में लिप्त पाया गया. साल 2012 में उन्हें जांच रिपोर्ट में दोषी करार दिया गया.
पहले भी टाटा समूह में रहे शीर्ष अधिकारियों की खुदकुशी के मामले साल 2014 में टाटा मोटर्स के मुख्य कार्यकारी कार्ल स्लिम ने और टाटा स्टील की पूर्व प्रवक्ता चारू देशपांडे ने 2013 में आत्महत्या की थी. हालांकि दिलीप पेंडसे टाटा फाइनेंस के मौजूदा नहीं बल्कि बर्खास्त प्रबंध निदेशक थे.