Foreign investment: भारतीय कंपनियों का विदेशों में प्रत्यक्ष निवेश चालू वित्त वर्ष के दिसंबर महीने में आठ फीसदी घटकर 2.05 अरब डॉलर रह गया. भारतीय रिजर्व बैंक (RBI) की तरफ से सोमवार को जारी आंकड़ों के मुताबिक, घरेलू कंपनियों ने अपने विदेशी संयुक्त उद्यमों (Foreign Joint Ventures) और पूर्ण स्वामित्व वाली सब्सिडाइज्ड कंपनियों में दिसंबर, 2020 के दौरान 2.23 अरब डॉलर का निवेश किया था.


रिजर्व बैंक के दिसंबर, 2021 के लिए जारी विदेशी प्रत्यक्ष निवेश के आंकड़ों के मुताबिक, भारतीय कंपनियों की तरफ से दिसंबर के दौरान विदेशों में किए गए कुल निवेश में से 1.22 अरब डॉलर का निवेश गारंटी के रूप में किया गया. इसके अलावा 46.39 करोड़ डॉलर इक्विटी भागीदारी तथा 36.17 करोड़ डॉलर का निवेश लोन के माध्यम से किया गया.


अपने विदेशी उपक्रमों में पूंजी लगाने वाले प्रमुख निवेशकों में एएनआई टेक्नोलॉजीज शामिल हैं. साथ ही ओला के प्रवर्तकों ने सिंगापुर में अपनी पूर्ण स्वामित्व वाली अनुषंगी कंपनी में 67.5 करोड़ डॉलर का निवेश किया है. वहीं डॉ. रेड्डीज ने अमेरिका में संयुक्त उद्यम में 14.99 करोड़ रुपये का निवेश किया.


रिलायंस न्यू एनर्जी सोलर लि. ने जर्मनी और नॉर्वे में अपने संयुक्त उद्यम और पूर्ण स्वामित्व वाली अनुषंगी में कुल मिलाकर 16.86 करोड़ डॉलर का निवेश किया. गेल इंडिया ने म्यामां और अमेरिका में संयुक्त उद्यम और पूर्ण स्वामित्व वाली इकाई में 7.01 करोड़ डॉलर का निवेश किया.


जानें क्या है एफपीआई का हाल?
विदेशी पोर्टफोलियो निवेशकों (FPI) ने जनवरी के पहले सप्ताह में भारतीय शेयर बाजारों में 3,202 करोड़ रुपये डाले हैं. बाजार में आए ‘करेक्शन’ की वजह से एफपीआई का निवेश प्रवाह सुधरा है. मार्केट एक्सपर्ट का कहना है कि आगे चलकर अमेरिकी फेडरल रिजर्व द्वारा ब्याज दरों में बढ़ोतरी की संभावना, ओमीक्रोन को लेकर बढ़ती चिंता तथा मुद्रास्फीति के ऊंचे स्तर की वजह से भारतीय बाजारों को लेकर एफपीआई का प्रवाह उतार-चढ़ाव वाला रहेगा.


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