पिछले साल से दुनिया भर के सामने आर्थिक चुनौतियां (Global Economic Headwinds) मौजूद हैं. एक के बाद एक मुश्किल हालात आने के चलते तमाम सेक्टर्स की कंपनियां बड़े पैमाने पर छंटनी (Global Layoffs) कर रही हैं. टेक से लेकर रिटेल तक में लाखों लोग नौकरी से निकाले जा चुके हैं. हालांकि ऐसे में भी कुछ कंपनियां हायरिंग कर रही हैं. जूते-चप्पलों की खुदरा बिक्री करने वाली कंपनी मेट्रो ब्रांड्स लिमिटेड (Metro Brands Ltd) भी इनमें से एक है.


इतने लोगों को नौकरी देने की योजना


रॉयटर्स की एक रिपोर्ट के अनुसार, मेट्रो ब्रांड्स लिमिटेड 15 सौ से 2000 कामगारों को नौकरी देने की योजना बना रही है. कंपनी के मुख्य कार्यकारी अधिकारी ने रॉयटर्स को बताया कि मेट्रो ब्रांड्स साल 2025 के अंत तक नए फुटवियर स्टोर खोलने वाली है. इसके लिए ही कंपनी को नए लोगों की जरूरत है.


इतने नए स्टोर खोलने वाली है कंपनी


मेट्रो ब्रांड्स लिमिटेड अपने रिटेल स्टोर में क्रॉक्स के क्लॉग्स की भी बिक्री करती है. साल 2022 के अंत तक देश में कंपनी के 720 स्टोर थे और कंपनी के साथ करीब 4000 कर्मचारी काम कर रहे थे. कंपनी ने पिछले साल मार्च में कहा था कि वह मोची, वॉकअवे और मेट्रो जैसे ब्रांड्स की बिक्री करने वाले 260 नए स्टोर खोलने वाली है. कंपनी नए छोटे शहरों में स्टोर खोलना चाहती है और साथ ही मौजूदगी वाले शहरों में उपस्थिति को मजबूत करना चाहती है.


इन कामों के लिए लोगों की जरूरत


कंपनी के सीईओ निसान जोसेफ ने कहा कि एक्सट्रा स्टोर्स के लिए कंपनी को न सिर्फ स्टोर वर्कर्स की जरूरत है, बल्कि कंपनी बैक ऑफिस स्टॉफ की भी भर्ती करेगी. उन्होंने कहा कि देश में समृद्धि बढ़ रही है और लोग अब पारंपरिक छोटे दुकानों के बजाय बड़े चेन स्टोर्स को पसंद कर रहे हैं. खर्च करने के इस बदले ट्र्रेंड ने मेट्रो ब्रांड्स जैसी कंपनियों को उभरने का मौका प्रदान किया है. इससे कंपनी की बिक्री बढ़ी है.


ग्रोथ के लिए छोटे शहरों पर भरोसा


चालू वित्त वर्ष के पहले नौ महीने यानी अप्रैल 2022 से 31 दिसंबर 2022 तक कंपनी का मुनाफा करीब 68 फीसदी बढ़ा है. कंपनी क्रॉक्स इंक के प्रोडक्ट की बिक्री के लिए करीब 200 एक्सक्लूसिव स्टोर चलाती है. इसके अलावा कंपनी टॉमी हिल्फिगर और कैल्विन क्लेन जैसे ब्रांड्स की बिक्री करने वाली अरविंद फैशंस के उत्पादों को भी अपने स्टोर में रखती है. मेट्रो ब्रांड्स आने वाले समय में ग्रोथ को बढ़ावा देने के लिए छोटे शहरों पर फोकस कर रही है.