New Tax Regime: बजट 2023-24 में केंद्र की मोदी सरकार ने नई टैक्स रिजीम को आकर्षक बनाने के लिए कई तरह के बदलाव किए है. इसके बाद से कई लोगों की दिलचस्पी इस टैक्स रिजीम में बढ़ गई है. शुक्रवार को वित्त मंत्री निर्मला सीतारमन (Finance Minister Nirmala Sitharaman )  ने नई टैक्स रिजीम (New Tax Regime) की एक बार फिर जमकर तारीफ की है. वित्त मंत्री ने कहा कि नई कर व्यवस्था ने मीडिल क्लास लोगों को सबसे ज्यादा राहत और लाभ दिया है. उन्होंने कहा कि इस वर्ग के लोगों को सालाना 7.27 लाख रुपये की आय पर टैक्स छूट मिल रहा है.


7 लाख रुपये से थोड़ी अधिक कमाई करने वालों को भी मिलेगा टैक्स में छूट


वित्त मंत्री ने कहा है केंद्र की मोदी सरकार देश के हर वर्ग को साथ लेकर चलने की कोशिश कर रही है. ऐसे में सरकार ने देश के मीडिल क्लास को ध्यान में रखते हुए 7 लाख रुपये तक की कमाई करने वाले व्यक्तियों को इनकम टैक्स में छूट दिया है. यह छूट नई टैक्स रिजीम के तहत मिल रही है. सरकार के इस फैसले के बाद देश के कई लोगों पर इस पर विश्वास नहीं था. कुछ लोगों के मन में सवाल था कि अगर किसी व्यक्ति की कमाई 7 लाख रुपये से छोड़ी ज्यादा है तो क्या उसे टैक्स देना होगा? ऐसे में इस बात पर विचार करने के लिए हमने लगातार बातचीत की. इसके बाद यह तय हुआ की केवल 7 लाख रुपये से थोड़ी ज्यादा इनकम होने पर किसी तरह का टैक्स नहीं देना होगा. उदाहरण के तौर पर 7.27 लाख रुपये की सालाना कमाई करने वाले व्यक्ति को किसी तरह का टैक्स नहीं देना होगा.


50,000 रुपये की आय पर मिल रहा स्टैंडर्ड डिडक्शन


निर्मला सीतारमन ने यह भी कहा कि पहले नई टैक्स रिजीम में लोगों को स्टैंडर्ड डिडक्शन का लाभ नहीं मिल रहा था जिसे लेकर काफी शिकायतें आ रही थी. ऐसे में लोगों की जरूरतों को ध्यान में रखते हुए हमने 50,000 रुपये तक के स्टैंडर्ड डिडक्शन का प्रावधान भी कर दिया है.


MSME के लिए बजट को कई गुना तक बढ़ाया गया


वित्त मंत्री सूक्ष्म, लघु एवं मध्यम उद्योग (Micro, Small and medium enterprises) के लिए सरकार द्वारा उठाए गए कदमों की तारीफ करते हुए कहा कि पिछले 9 सालों में इसका बजट 7 गुना तक बढ़ा है. वित्त वर्ष 2013-14 में यह बजट 3,185 करोड़ रुपये का था जिसे अब 2023-24 में बढ़ाकर 22,138 करोड़ रुपये कर दिया गया है. इससे यह पता चलता है कि सरकार देश के छोटे उद्योगों को बढ़ावा देने के लिए कितनी प्रतिबद्ध है. इसके साथ ही उन्होंने कहा कि सार्वजनिक खरीद नीति के तहत सरकार कुल 33 फीसदी खरीद MSME से कर रही है.


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