Go First Airlines: वाडिया ग्रुप (Wadia Group) की एयरलाइंस गो फर्स्ट बड़े आर्थिक संकट से जूझ रही है. इसने मंगलवार को एलान करते हुए कहा कि 3 और 4 तारीख को इसकी सभी उड़ाने रद्द रहेंगी. वहीं वाडिया ग्रुप की एयरलाइन ने खुद को दिवालिया घोषित करने की भी मांग की है. वहीं इसी बीच डीजीसीए की ओर से बिना सूचना के फ्लाइट रद्द (Go First Airlines) करने पर कारण बताओ नोटिस भी जारी किया है.

  


गो फर्स्ट पर कर्जदाताओं का भारी कर्ज है. कंपनी के दिवालिया फाइलिंग में दिखाया गया है कि वित्तीय लेनदारों का 6,521 करोड़ ($798 मिलियन) बकाया है. फाइलिंग में कहा गया था कि 30 अप्रैल तक गो फर्स्ट एयर ने इनमें से किसी भी बकाये पर चूक नहीं की थी. 


गो फर्स्ट के राजस्व में बड़ा नुकसान 


गो फर्स्ट इंडिया लिमिटेड (Go First Airlines) ने कहा कि इंजन की समस्या के कारण 50 फीसदी विमान नहीं चल रहे हैं. इसके अलावा लागत में भी दोगुनी बढ़ोतरी हुई है. गो फर्स्ट के राजस्व में 10,800 करोड़ रुपये में गिरावट आई है. कंपनी का कहना है कि उसकी वित्तीय हालत दायित्वों को पूरा कर पाने की नहीं है. ऐसे में एयरलाइंस ने एनसीएलटी के सामने मांग की है. 


किन बैंकों का बकाया 


फाइलिंग में गो फर्स्ट के वित्तीय लेनदारों में सेंट्रल बैंक ऑफ इंडिया, बैंक ऑफ बड़ौदा , आईडीबीआई बैंक , एक्सिस बैंक और ड्यूश बैंक शामिल हैं. फा​इलिंग से पता चला है कि सभी लेनदारों के लिए एयरलाइन की कुल देनदारियां 11,463 करोड़ रुपये हैं. इसमें बैंकों, वित्तीय संस्थानों, विक्रेताओं और विमान पट्टेदारों का बकाया भी शामिल है.


कंपनी ने क्यों लिया फ्लाइट रद्द करने का फैसला 


गो फर्स्ट के प्रमोटर्स की तरफ से अबतक 6,500 करोड़ रुपये की पूंजी डाली गई है. वहीं तेल कंपनियों के बकाये का भुगतान नहीं कर पाने के चलते एयरलाइंस ने 3 से 5 मई तक फ्लाइट रद्द की है. 


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