Fitch Ratings: फिच रेटिंग्स ने भारत में चालू वित्त वर्ष के दौरान गैस खपत में कटौती कर दी है. रेटिंग एजेंसी ने इंडिया गैस कंज्प्शन ग्रोथ के अनुमान को घटाकर 5 फीसदी कर दिया है. घरेलू गैस की कीमतों में हो रही तेज बढ़ोतरी का असर भी देखने को मिलेगा. इसके अलावा एलएनजी दरों की वजह से भी पर्यावरण के अनूकूल ईंधन को अपनाने की रफ्तार कम होगी.


CNG और PNG की कीमतों में आई तेजी
सरकार ने एक अप्रैल से छह महीने की अवधि के लिए घरेलू क्षेत्रों से प्राकृतिक गैस की कीमतों को दोगुना से अधिक बढ़ाकर 6.1 डॉलर प्रति 10 लाख ब्रिटिश थर्मल यूनिट कर दिया है. इसके बाद सीएनजी और पीएनजी की कीमतों में वृद्धि हुई है.


5 फीसदी की दर से होगी वृद्धि
रेटिंग एजेंसी ने कहा हमें उम्मीद है कि भारत में प्राकृतिक गैस की खपत वित्तवर्ष 2022-23 में पांच फीसदी की दर से बढ़ेगी (वित्त वर्ष 2021-22 के लिए 6.5 फीसदी का अनुमान) जो सात फीसदी की वृद्धि के हमारे पिछले अनुमान से कम है.


प्राकृतिक गैस को अपनाने की रफ्तार होगी कम
फिच ने कहा कि हाल में घरेलू गैस की कीमतों में तेज वृद्धि और एलएनजी की उच्च कीमतों के चलते प्राकृतिक गैस को अपनाने की गति धीमी होगी. देश में इस समय कुल खपत का लगभग आधा हिस्सा घरेलू गैस उत्पादन से पूरा होता है, जबकि बाकी तरलीकृत प्राकृतिक गैस (LNG) के रूप में आयात किया जाता है.


GAIL की बढ़ सकती है आय
फिच ने कहा कि सार्वजनिक क्षेत्र की कंपनी गेल इंडिया लिमिटेड की प्राकृतिक गैस विपणन खंड से आय बढ़ने की संभावना है ऐसा इसलिए है क्योंकि अमेरिका से दीर्घकालिक अनुबंधित एलएनजी की तुलना में हाजिर एलएनजी की कीमतों में बहुत अधिक बढ़ोतरी हुई है.


सरकारी तेल कंपनियों को हो सकता है नुकसान
रेटिंग एजेंसी ने कहा है कि एलएनजी की लगातार ऊंची कीमतें भारत में गैस की खपत की वृद्धि को धीमा कर देंगी. फिच ने कहा कि सार्वजनिक क्षेत्र के ईंधन खुदरा विक्रेताओं IOC, BPCL और HPCL को जनवरी-मार्च 2022 तिमाही में विपणन घाटे का सामना करना पड़ सकता है. रेटिंग एजेंसी ने कहा कि हालांकि मजबूत रिफाइनिंग मार्जिन और भंडारण लाभ से निकट भविष्य में नुकसान कम हो सकता है.


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