Fitch Cuts US Credit Rating: विश्व की सबसे बड़ी इकोनॉमी अमेरिका को क्रेडिट एजेंसी फिच की तरफ से तगड़ा झटका लगा है. फिच ने यूएस की क्रेडिट रेटिंग को AAA से कम करके AA+  कर दिया है. गौरतलब है अमेरिका पर कर्ज की जबरदस्त बढ़ोतरी हुई है और दो महीने पहले देश में बड़ा कर्ज संकट देखने को मिला था. ऐसे में क्रेडिट रेटिंग ने इकोनॉमी के हालात को देखते हुए रेटिंग कम करने का फैसला किया है. फिच विश्व की तीन बड़ी स्वतंत्र एजेंसियों में से एक है जो अलग-अलग देशों की वित्तीय हालात को देखते हुए उन्हें रेटिंग देने का काम करती है.


डिफॉल्ट होने के कगार पर पहुंच गया था अमेरिका


मई में अमेरिकी सरकार पर कर्ज का दबाव बहुत ज्यादा बढ़ गया था. ऐसे में कर्ज की सीमा को बढ़ाने के लिए बाइडन सरकार और रिपब्लिकन पार्टी के बीच भारी खींचतान हुई थी. मगर बाद में दोनों पार्टियों के बीच समझौते के बाद देश की कर्ज सीमा को बढ़ाकर 31.4 ट्रिलियन डॉलर कर दिया गया था. इस राजनीतिक अस्थिरता और गतिरोध के कारण अमेरिका पहली बार डिफॉल्ट होने की कगार पर पहुंचा था. ऐसे में अमेरिकी सरकार में पैसे लगाने वालों के बीच नकारात्मक असर पड़ा है. इसका असर फिच की क्रेडिट रेटिंग पर भी दिखा रहा है.


व्हाइट हाउस ने कही यह बात


फिच की क्रेडिट रेटिंग में कटौती के बाद व्हाइट हाउस ने इसे लेकर अपनी असहमति जताते हुए कहा है कि एसेंजी ने रेटिंग देते वक्त मनमानी की है. वित्त मंत्री जेनेट येलेन (Treasury Secretary Janet Yellen) ने कहा कि एजेंसी ने पुराने डेटा को देखते हुए अपनी रेटिंग का निर्धारण किया है जो कि गलत है. ध्यान देने वाली बात ये है कि साल 2011 में S&P Global Ratings ने अमेरिका की क्रेडिट रेटिंग को कम करके AA+ कर दिया था.


रेटिंग कम होने से क्या होगा असर


गौरतलब है कि निवेश के लिहाज विश्व की सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था अमेरिका सबसे सुरक्षित माना जाता है. एजेंसियों के रेटिंग से यह पता चलता है कि किसी देश में पैसा लगाना कितना सुरक्षित है. क्रेडिट रेटिंग कम होने से निवेशक अमेरिकी ट्रेजरी को बेच सकते हैं. इसके साथ ही रेटिंग कई जगह ब्याज दर को तय करने के लिए इस्तेमाल होता है. ऐसे में ब्याज दर में भी बढ़ोतरी हो सकती है. 


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