नई दिल्लीः पीएनबी में हुए महाघोटाले का आंकड़ा बढ़कर 12,700 करोड़ रुपये होने की आशंकाओं के बाद वित्त मंत्रालय ने बेहद कड़ा रुख अख्तियार कर लिया है. वित्त मंत्रालय ने आज बैंकों के लिए कई निर्देश जारी किए हैं और इनका पालन करने के लिए 15 दिन का समय दिया है. वित्तीय सेवा सचिव राजीव कुमार ने बताया कि इसके तहत व्यवस्था में कमियों का पता लगाकर जरुरी कदम उठाने के लिए 15 दिन की समयसीमा तय की गई है.


बैंकों को आदेश दिए गए हैं कि

  • 50 करोड़ रुपये से ऊपर के तमाम फंसे कर्ज, जिनमें धोखाधड़ी की आशंका है, उनकी जांच करें.

  • नियमों के उल्लंघन का शक होने पर ईडी व डीआरआई से मदद लें.

  • तमाम एमडी से धोखाधड़ी की जांच करने और जानबुझकर कर्ज नहीं चुकाने वालों की समय रहते लगाएं पता और सीबीआई को मामला सौंपे.

  • व्यवस्था में कमियो का पता लगाकर जरुरी कदम उठाने के लिए 15 दिन का समयं

  • श्रेष्ठ प्रबंधन व्यवस्था से सीख लें और वरिष्ठ अधिकारियों की जवाबदेही होगी.

  • एग्जीक्यूटिव डायरेक्टर और चीफ टेक्नोलॉजी ऑफिसर की जवाबदेही बोर्ड तय करें.

  • बेहतर व्यवस्था पर अमल की जिम्मेदारी इन वरिष्ठ अधिकारियों की होगी.

  • समय पर ताला लगाने, रिपोर्टिंग और बड़ी रकम वाले धोखाधड़ी की जांच के लिए फ्रेमवर्क होगा.

  • रिजर्व बैंक के निद्रेशों के अनुसार सख्त समय सीमा के भीतर धोखाधड़ी की जांच और कार्रवाई करके पहचान होगी.

  • धोखाधड़ी अगर 50 करोड़ रुपये से ज्यादा का है तो सीबीआई के साथ जांच में जुटना होगा. इस पूरे काम की जिम्मेदारी सीवीओ पर होगी.

  • धोखाधड़ी का पता चलने के बाद बैंक को ये देखना होगा कि जानबुझकर ये पैसा नही चुकाने का मामला तो नहीं.

  • 50 करोड़ रुपये से ऊपर के सभी फसे कर्ज यानी एनपीए वाले खाते की जांच धोखाधड़ी का पता लगाने के लिए होगा.

  • एनपीए खाते के माले में बैंक से अनुरोध आने के बाद हफ्ते भर के भीतर सीईआईबी को हफ्ते भर के भीतर रिपोर्ट पेश करनी होगीं.

  • जहां कहीं भी फेमा के उल्लंघन का शक हो, वैसे मामले को लेकर तुंरत ही ईडी या डीआरआई में शिकायत दर्ज करानी होगीं.

  • ऑपरेशन और तकनीक के मामले में नयी चुनौतियों व जोखिम से निबटने के लिए एग्जीक्यूटिव डायरेक्टर, चीफ टेक्नोलॉजी ऑफिसर नया ब्लूप्रिंट बनाएंगें

  • बैंकिंग क्षेत्र के सर्वोत्तम प्रैक्टिस से सीखें और मौजूदा व्यवस्था में कमजोरी की पहचान करे.

  • सर्वोत्तम प्रैक्टिस के साथ बैंक के जोखिम परिचालन प्रथाओं का तुलनात्मक मूल्यांकन करें.

  • सुधार के लिए अंतराल और क्षेत्रों की पहचान करें.

  • सर्वोत्तम अभ्यास और न्यूनतम स्वीकार्या स्टैंडर्ड के आधार पर रिपोर्ट तैयार करने के लिए समूह हो.

  • तकनीकी समाधान सहित कार्रवाई का सुझाव दें.

  • वरिष्ठ अधिकारियों को स्पष्ट जवाबदेही और क्रियान्वयन का अनुपालन की रिपोर्ट बोर्ड को देनी होगी.


इन निर्देशों के जरिए वित्त मंत्रालय ने सभी बैंकों के लिए 15 दिन की डेडलाइन तय की है जिसके अंदर अंदर बैंकों को अपने ऑपरेशनल सिस्टम और तकनीकी विभागों में चल रही अनियमितताओं को दूर करना होगा और इनकी सफाई करनी होगी. बैंकों को पहले से चल रहे सभी कंपनियों के लोन, एनपीए, विलफुल डिफॉल्टर्स का पता लगाने और उनकी लिस्ट सीबीआई को सौंपने को कहा है.


वित्तीय सेवा विभाग के सचिव राजीव कुमार ने इस बारे में जानकारी दी है.