DBT Scheme: केंद्र सरकार फर्टिलाईजर सब्सिडी को लेकर बड़ा फैसला लेने वाली है. सरकार की कोशिश है कि फर्टिलाईजर सब्सिडी की फाइनेंसिंग को बंद कर दिया जाए. इसके लिए केंद्र सरकार बैंकों के साथ गहन विचार विमर्श करने में जुटी हुई है. फिलहाल रिजर्व बैंक ऑफ इंडिया (RBI) द्वारा फर्टिलाईजर सब्सिडी को फाइनेंस करने के लिए बैंकों को एक विशेष छूट दी जाती है.

  


बैंकों से मिले सुझावों पर की जा रही चर्चा 


इकोनॉमिक टाइम्स की रिपोर्ट के अनुसार, यह व्यवस्था थोड़े समय के लिए लागू की गई थी. अब इसका रिव्यु किया जा रहा है. फिलहाल इस संबंध में कोई फैसला नहीं लिया गया है. मामले से जुड़े सूत्रों ने बताया कि फिलहाल हमें बैंकों से कुछ सुझाव मिले हैं. इन पर चर्चा की जा रही है. फिलहाल डायरेक्ट बेनिफिट ट्रांसफर (DBT Scheme) के तहत 100 फीसदी फर्टिलाईजर सब्सिडी कंपनियों को ट्रांसफर की जाती है. यह सब्सिडी रिटेलर्स द्वारा उपभोक्ताओं को की जाने वाली वास्तविक बिक्री पर निर्भर करती है. 


हर हफ्ते किए जा रहे सब्सिडी पेमेंट्स 


अधिकारियों ने बताया कि अभी फर्टिलाईजर सब्सिडी पेमेंट्स हर हफ्ते किए जाते हैं. इसलिए अभी कोई बकाया नहीं है. डीबीटी स्कीम में फिलहाल कोई खामी नजर नहीं आई है. प्वॉइंट ऑफ सेल पर खरीदार की पहचान आधार कार्ड, वोटर आईडी और किसान क्रेडिट कार्ड से की जा रही है. इससे पहले सरकार स्पेशल बैंकिंग अरेंजमेंट (SBA) के जरिए फर्टिलाईजर कंपनियों को सब्सिडी दे रही थी. एसबीए का इस्तेमाल फंड की कमी के चलते किया जा रहा था. सरकार सार्वजनिक क्षेत्र के बैंकों से लोन लेकर सब्सिडी पेमेंट किया करती थी.


फर्टिलाईजर कंपनियों पर पड़ सकता है बुरा असर 


एक वरिष्ठ बैंक अधिकारी ने बताया कि तत्काल यह व्यवस्था खत्म करने से फर्टिलाईजर कंपनियों की लिक्विडिटी पर बुरा असर पड़ेगा. उनकी वर्किंग कैपिटल जरूरतों को पूरा करने के लिए सब्सिडी अहम रोल अदा करती है. फिलहाल सरकार इस मसले पर कोई अंतिम फैसला लेने से पहले आरबीआई की राय भी लेगी. 


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