Mutual Funds Investment: नए वित्त वर्ष 2023-23 के पहले महीने अप्रैल में इक्विटी म्यूचुअल फंड्स में निवेशकों के निवेश में भारी कमी आई है. अप्रैल में निवेश में 68 फीसदी की गिरावट आई है और ये घटकर 6480 करोड़ रुपये रह गया है. अप्रैल महीने में SIP के जरिए किए जाने निवेश में भी मामूली कमी आई है. हालांकि एम्फी के डाटा के मुताबिक स्मॉल-कैप और मिड-कैप में निवेश बढ़ा है.  


एम्फी के मुताबिक अप्रैल महीने में 1.21 लाख करोड़ रुपये म्यूचुअल फंड्स में निवेश आया है. जिसमें सबसे ज्यादा डेट स्कीम में 1.06 लाख करोड़ रुपये का निवेश आया है जबकि मार्च में 19,263 करोड़ रुपये का आउटफ्लो देखा गया था. अप्रैल महीने के खत्म होने पर म्यूचुअल फंड्स का एसेट अंडर मैनेजमेंट 41.62 लाख करोड़ रुपये पर जा पहुंचा है जो मार्च में 39.42 लाख करोड़ रुपये था.   


आंकड़ों के मताबिक इक्विटी म्यूचुअल फंड्स में अप्रैल में 6480 करोड़ रुपये निवेश आया है जबकि मार्च में 20,534 करोड़ रुपये का निवेश आया था. SIP के जरिए फंड कलेक्शन घटकर 13,727 करोड़ रुपये रहा है जो मार्च 2023 में 14,276 करोड़ रुपये रहा था. एम्फी के सीईओ एनएस वेंकटेश का कहना है कि SIP निवेश बेहतर रहन सकता है और इस वित्त वर्ष के खत्म होने पर इसके जरिए आने वाले निवेश 17000 से 18000 करोड़ रुपये तक पहुंच सकता है.


मोतीलाल ओसवाल एएमसी के चीफ बिजनेस ऑफिसर अखिल चतुर्वेदी ने कहा कि अप्रैल में इंफ्लो मार्च के महीने में कम रहा है. शेयर बाजार में तेजी की वजह से अब निवेशक थोड़ा सतर्क हो गए हैं. दरअसल मार्च 2021 के बाद से इक्विटी स्कीम्स में लगातार निवेश में तेजी देखी जा रही थी. जुलाई 2020 से लेकर फरवरी 2021 तक निवेशक अपना निवेश निकालने में जुटे थे. लिक्विड फंड्स में सबसे ज्यादा 63219 करोड़ रुपये का निवेश देखने को मिला है जिसके बाद मनी मार्केट फंड में 13961 करोड़ और अल्ट्राशॉर्ट ड्यूरेशन फंड्स में 10,663 करोड़ रुपये का निवेश आया है. 


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