ELSS Vs PPF Vs ULIP Which is Better: अगर आप इन्वेस्टमेंट (Investment) करने के बारे में प्लान बना रहे है. तो ये खबर आपके बेहद काम की साबित हो सकती है. हम आपको इस खबर में शानदार रिटर्न देने वाले कुछ निवेश के बारे में जानकारी देने जा रहे हैं. ऐसे ही 3 निवेश विकल्प हैं, इक्विटी लिंक्ड सेविंग्स स्कीम (ELSS), पब्लिक प्रॉविडेंट फंड (PPF) और यूनिट लिंक्ड इंश्योरेंस प्लान (ULIP) है. जानिए इसमें कौन-सा विकल्प आपके लिए बेहतर साबित होगा.


तीनों में मिलती है टैक्स छूट 


अगर आप ईएलएसएस (ELSS) इक्विटी श्रेणी के अंतर्गत आते है, पीपीएफ (PPF) लोन श्रेणी के अंतर्गत आते हैं और यूलिप (ULIP) एक बीमा उत्पाद हैं. इन 3 निवेश उत्पादों की तुलना करना जरूरी है, क्योंकि इन तीनों में आयकर धारा 80C के तहत टैक्स छूट की सुविधा मिलती है. इसलिए निवेशकों को निवेश करने के फैसले में परेशानी का सामना करना पड़ता है. टैक्सपेयर्स के लिए इन तीनों में कौन-सा विकल्प सबसे बेहतर है. ऐसे समझे पूरी बात..


ईएलएसएस बनाम पीपीएफ बनाम यूलिप 


ईएलएसएस, पीपीएफ और यूलिप तीनों निवेश विकल्प में आयकर की धारा 80 सी के तहत निवेशकों को अच्छा रिटर्न देने के साथ-साथ सालाना 1.5 लाख रुपये तक का टैक्स छूट लाभ मिलता है. 



  • तरलता :- यूलिप और पीपीएफ की तुलना में ईएलएसएस केवल 3 साल की सबसे कम लॉक-इन अवधि देता है. वहीं, यूलिप और पीपीएफ में क्रमशः 5 साल और 15 साल की लॉक-इन अवधि होती है. 

  • व्यय :- ईएलएसएस कम लागत और पेशेवर प्रबंधन का लाभ देता है. सेबी से व्यय अनुपात पर सीमा निर्धारित है, लेकिन यूलिप के लिए ऐसी कोई सीमा नहीं है. यूलिप योजनाओं के शुल्क म्युचुअल फंड की तुलना में बहुत अधिक हो सकते हैं. पीपीएफ के लिए, निवेशक को अपनी निवेश राशि के अलावा सिर्फ 100 रुपये का एक बार शुल्क देना होता है.

  • जोखिम कवर :-यूलिप एक इन-बिल्ट इंश्योरेंस प्लान के साथ आते हैं जो पॉलिसी की अवधि के भीतर पॉलिसीधारक की मृत्यु होने की स्थिति में परिवार को सुनिश्चित राशि प्रदान करता है. वही म्यूचुअल फंड और पीपीएफ के मामले में बीमा के माध्यम से कोई जोखिम कवर नहीं होता है.

  • निवेश पर रिटर्न :-पीपीएफ पर रिटर्न निश्चित, गारंटीकृत और कर से मुक्त होता है, जबकि ईएलएसएस और यूलिप रिटर्न के मामले में गारंटी नहीं है क्योंकि दोनों निवेश विकल्प बाजार से जुड़े हैं. पीपीएफ में मौजूदा ब्याज दर 7.1 प्रतिशत सालाना है. ईएलएसएस पर 3 साल और 5 साल का औसत रिटर्न क्रमश: 17.19 प्रतिशत  और 11.10 प्रतिशत है.

  • टैक्सेशन :- अगर आप पीपीएफ का पैसा मैच्योरिटी पर निकालते है तो इस पर कोई टैक्स नहीं लगेगा, जबकि ईएलएसएस लाभ के मामले में लॉक-इन अवधि के बाद 1 लाख रुपये की छूट के साथ 10 फीसदी कर लगाया जाता है. यूलिप के मामले में, परिपक्वता राशि केवल तभी कर मुक्त रहती है, जब तक कुल सालाना प्रीमियम 2.5 लाख रुपये प्रति वर्ष तक हो और अगर, सालाना प्रीमियम 2.5 लाख रुपये से अधिक हो जाता है, तो किसी को किसी भी आय पर पूंजीगत लाभ कर का भुगतान करना पड़ता है. 1 साल से अधिक के लिए रखे जाने पर 10 फीसदी की दर से और 1 साल से कम के लिए रखे जाने पर 15 फीसदी की दर से अर्जित किया जाता है.


 


एक नजर में समझें खबर की खास बातें


जोखिम :- ELSS- इक्विटी लिंक्ड; PPF- सरकार समर्थित, सबसे सुरक्षित, ULIP- इक्विटी/डेट/हाइब्रिड के संयोजन पर निर्भर करता है.


लॉक इन अवधि :- ELSS- 3 साल, PPF - 15 साल (7 वर्ष के बाद आंशिक निकासी की अनुमति), ULIP- 5 वर्ष.


कराधान :- ELSS- किसी भी वित्तीय वर्ष में 1,00,000 रुपये से अधिक के लाभ पर 10 फीसदी है. PPF- कर मुक्त, ULIP-रिटर्न धारा 10 (10-D) के तहत छूट ले सकते है.


 


डिस्क्लेमर: (यहां मुहैया जानकारी सिर्फ़ सूचना हेतु दी जा रही है. यहां बताना ज़रूरी है कि मार्केट में निवेश बाजार जोखिमों के अधीन है. निवेशक के तौर पर पैसा लगाने से पहले हमेशा एक्सपर्ट से सलाह लें. ABPLive.com की तरफ से किसी को भी पैसा लगाने की यहां कभी भी सलाह नहीं दी जाती है.)


 


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