El Nino Impact on Economy: एक शोध में दावा किया जा रहा है कि इस साल भीषण गर्मी पड़ने वाली है. भारत समेत कई देशों में सूखे की स्थिति बन रही है. एल नीनोसाइंस जर्नल में छपे एक शोध ने चेतावनी दी गई है कि अल नीनो के आने से विश्व की 3 ट्रिलियन डॉलर की अर्थव्यवस्था खत्म हो सकती है. 


अल नीनो की वजह से कई बार भारत समेत विश्व की अर्थव्यवस्था प्रभावित हुई है और इस बार भी इसके आने की आशंका जताई जा रही है. अल नीनो की वजह से 1982-83 और 1997 में वैश्विक आय में 4.1 ट्रिलियन डॉलर और 5.7 ट्रिलियन डॉलर का नुकसान देखा गया था. 


क्या है अल नीनो


समुद्री तट के गर्म होने की घटना को अल-नीनो कहा जाता है. इसे और आसान भाषा में कहे तो समुद्र का तापमान और वायुमंडलीय परिस्थितियों में बदलाव होने से अल नीनो की स्थिति पैदा होती है. अल नीनो आने पर समुद्र तल का तापमान सामान्य से 4 से 5 डिग्री ज्यादा हो जाता है. 


2016 में दिखा था अल नीनो का गंभीर असर 


शोध में कहा गया है कि इस साल अल नीनो के आने की भविष्यवाणी ऐसे समय में की गई है, जब समुद्र तल का तापमान अपने उच्च लेवल पर है. रिपोर्ट में कहा गया है कि आखिरी बार अल नीनो का गंभीर असर 2016 में देखा गया था, उस साल को इतिहास में सबसे गर्म साल के रूप में रिकॉर्ड किया गया था. 


अल नीनो के आने से क्या होगा? 


जिस साल अल नीनो आता है, उस समय विनाशकारी बाढ़, फसल-नष्ट होना, सूखा, मछली की आबादी में गिरावट और उष्णकटिबंधीय रोगों में बढ़ोतरी जैसी समस्या आती है, जिस कारण पैसों का दबाव बढ़ता है और इकोनॉमी प्रभावित होती है. 


2029 तक 3 ट्रिलियन डॉलर रुक सकती है 


बिजनेस इनसाइडर की रिपोर्ट के मुताबिक, डार्टमाउथ कॉलेज में डॉक्टरेट के उम्मीदवार क्रिस्टोफर कैलहन ने कहा कि दुनिया संभावित रूप से एक बड़े अल नीनो के लिए तैयार है. हमारे नतीजे बताते हैं कि संभावित रूप से एक प्रमुख आर्थिक टोल होगा, जो उष्णकटिबंधीय देशों में संभावित रूप से एक दशक तक आर्थिक विकास को प्रभावित करेगा. ​शोधकर्ता ने कहा कि अल नीनो के आने से 2029 तक दुनिया की इकोनॉमी 3 ट्रिलियन डॉलर तक कम हो सकती है. 


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