महीनों से महंगाई (Inflation) की मार झेल रहे आम लोगों को जल्दी ही बड़ी राहत मिल सकती है. सरकार के द्वारा सख्ती करने के बाद कंपनियां आने वाले दिनों में खाने वाले तेलों की कीमतों (Edible Oil Prices) में कटौती कर सकती हैं.


इतना कम हो सकता है भाव


दरअसल भारत सरकार ने खाद्य तेल उत्पादकों से तेल की पैकेजिंग पर एमआरपी यानी अधिकतम खुदरा कीमतों में कटौती करने के लिए कहा है, ताकि अंतरराष्ट्रीय बाजार में वेज ऑयल की कीमतों में गिरावट के कारण सस्ते तेल का लाभ उपभोक्ताओं को मिल सके. इसके बाद कहा जा रहा है कि कंपनियां खाद्य तेलों के दाम में 6 फीसदी तक की कटौती कर सकती हैं.


इन 2 कंपनियों ने लिया निर्णय


ईटी की एक खबर के अनुसार, अडानी विल्मर ने खाद्य तेलों की कीमतों में 5 रुपये प्रति लीटर की कटौती करने का निर्णय लिया है. अडानी विल्मर फॉर्च्यून नाम से खाने वाले तेल बेचती है. इसके अलावा जेमिनी एडिबल एंड फैट्स इंडिया ने 10 रुपये प्रति लीटर तक भाव कम करने का फैसला लिया है. यह कंपनी जेमिनी ब्रांड नाम से तेल बेचती है. इन दोनों कंपनियों के द्वारा कीमतों में कटौती का लाभ ग्राहकों तक तीन सप्ताह में पहुंचेगा.


इस विभाग ने दी है सलाह


इससे पहले सॉल्वेंट एक्सट्रैक्टर्स एसोसिएशन ने मंगलवार को एक बयान में कहा था कि सरकार ने तेल कंपनियों को खुदरा कीमतें कम करने की सलाह दी है, ताकि ग्राहकों को अंतरराष्ट्रीय स्तर पर भाव में आई कमी का लाभ मिल सके. एसोसिएशन ने कहा था कि ग्राहकों तक लाभ पहुंचाने के लिए खाद्य एवं उपभोक्ता मामलों के विभाग के द्वारा तेल कंपनियों को सलाह दी गई है.


इन कारणों से दी गई सलाह


आपको बता दें कि अंतरराष्ट्रीय स्तर पर इनके भाव में तेज गिरावट आई है. मूंगफली, सोयाबीन और सरसों का घरेलू स्तर पर भी बंपर उत्पादन हुआ है, जबकि बाहर से आने वाले तेलों के भाव बीते 6 महीने में काफी कम हुए हैं. हालांकि इसके बाद भी घरेलू स्तर पर ग्राहकों को महंगे खाद्य तेल से छुटकारा नहीं मिला है. सरकार ने इसी कारण हिदायत जारी की है.


ये भी पढ़ें: अगले सप्ताह इस REIT IPO से कमाने का मौका, तय हुआ प्राइस बैंड, जानें अन्य डिटेल्स