Amway Marketing Scam: प्रवर्तन निदेशालय ने एमवे इंडिया इंटरप्राइजेज प्राइवेट लिमिटेड कंपनी 757 करोड़ रुपए से ज्यादा की संपत्ति को अस्थाई तौर पर कुर्क किया है. प्रवर्तन निदेशालय द्वारा की गई मनी लॉन्ड्रिंग एक्ट के तहत जांच में खुलासा हुआ है कि एमवे डायरेक्ट सेलिंग मल्टी लेवल मार्केटिंग नेटवर्क की आड़ में पिरामिड फ्रॉड चला रहा है। जिसका स्पष्ट तौर पर मतलब है कि उसके सदस्यों को ही आगे सदस्य बनाना है और कंपनी का सामान उन्हें बेचना है. जबकि आरोप है कि जो सामान कंपनी द्वारा दिया जा रहा है वह स्थानीय मार्केट में काफी कम कीमतों पर उपलब्ध है.


प्रवर्तन निदेशालय के एक आला अधिकारी ने बताया कि एमवे एक मार्केटिंग कंपनी है जिसका पूरा व्यापार हजारों करोड़ रुपए का है. दिलचस्प बात यह है कि इस कंपनी में एजेंटों को जुड़ने के लिए कहा जाता है. इसके बाद उनसे कहा जाता है कि वह कंपनी द्वारा बेचा जा रहा सामान खरीदें. यह भी कहा जाता है कि वह यदि आगे और सदस्य बनाएंगे और यदि वे सदस्य आगे और सदस्य बना कर सामान खरीदेंगे तो उन्हें उसका कमीशन मिलेगा... जानकारी के मुताबिक, कंपनी अपने एजेंटों को जो सिद्धांत बताती है उसके मुताबिक बेचना बाद में पहले खुद इस्तेमाल करें. यानी पहले इस कंपनी का सदस्य बनने वाले को कंपनी द्वारा बेची जा रही चीजों को खरीदना ही होगा. 


इसके बाद कमीशन के लालच में इसके सदस्य आगे अपने जानकार लोगों को सदस्य बनाते जाते हैं और कमीशन के लालच में है चेन आगे तक फैलती चली जाती है. ईडी का मानना है कि इस रूप में यह कंपनी एक पिरामिड फ्रॉड चला रही थी. 


आरोप है कि कंपनी लोगों को यह लालच भी देती है कि खाली समय में घरेलू सामान बेचें और करोड़पति बने। इसके तहत पिरामिड की वहीं चेन तैयार होती है जिस चेन में आए सभी लोगों को वह माल खरीदना ही होता है जो कंपनी अपने मूल्यों पर बेचती है. ईडी ने आधिकारिक तौर पर कहा है कि प्रतिष्ठित निर्माताओं के वैकल्पिक लोकप्रिय उत्पादों की तुलना में कंपनी द्वारा पेश किए जाने वाले अधिकांश उत्पादों की कीमतें बहुत ज्यादा है. वास्तविक तथ्यों को जाने बिना आम भोला आदमी कंपनी के सदस्य के रूप में शामिल होने और अत्यधिक कीमतों पर उत्पाद खरीदने के लिए प्रेरित होते हैं और इस प्रकार अपनी मेहनत की कमाई को खो देते हैं.


प्रवर्तन निदेशालय ने इस मामले में कुल 757 करोड़ 77 लाख रुपए की चल अचल संपत्ति कुर्क की है. जिसमें तमिलनाडु के डिंडीगुल जिले में एमवे की भूमि और कारखाना भवन... संयंत्र और मशीनरी वाहन ...बैंक खाते और सावधि जमा शामिल है. ईडी ने एमवे के विभिन्न 36 बैंक खातों से 411 करोड रुपए की संपत्ति भी जप्त की थी.


ईडी का आरोप है कि इसके डायरेक्टर मेगा सम्मेलन आयोजित कर रहे हैं और अपनी भव्य जीवन शैली का दिखावा कर रहे हैं और भोले भाले निवेशकों को लुभाने के लिए सोशल मीडिया का भी इस्तेमाल कर रहे हैं. ईडी का मानना है कि मनी लॉन्ड्रिंग एक्ट के तहत की गई जांच के दौरान करोड़ों रुपयों की हेराफेरी का पता चला है जिसके चलते 757 करोड़ रुपए की चल अचल संपत्ति कुर्क की गई है मामले की जांच जारी है.


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